शहीद सर्कल ऑफिसर देवेंद्र मिश्रा द्वारा पूर्व कानपुर एसएसपी को लिखा गया विवादास्पद पत्र एसएसपी कार्यालय पहुंचा ही नहीं था। इस पत्र में चौबेपुर के स्टेशन अधिकारी विनय तिवारी पर गैंगस्टर विकास दुबे का बचाव करने का आरोप लगाया गया था। पत्र को एक महिला कांस्टेबल द्वारा सर्कल अधिकारी के कंप्यूटर पर टाइप किया गया था। लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह ने उप्र के डीजीपी एच.सी.अवस्थी को इस मामले की जांच रिपोर्ट सौंपी है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्कल अधिकारी की बेटी ने अपने पिता की मृत्यु के बाद इस पत्र को वायरल कर दिया था, जिसमे विकास के साथ एसओ के सम्बन्धो का काला चिठ्ठा लिखा हुआ था. इस पत्र के माध्यम से सीओ पूरी सच्चाई सामने लाना चाहते थे.
ऐसी चर्चा रही कि शहीद ऑफिसर को पूर्व एसओ विनय तिवारी भी पसंद नहीं करते थे. हालांकि विनय तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. गौरतलब है कि 2 जुलाई की रात अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस पर विकास ने अपने साथियो के साथ फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमे 8 पुलिस जवान शहीद और 7 घायल हो गए थे. घटना के 6 दिन बाद मध्य प्रदेश से विकास को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बता दें कि कानपुर एनकाउंटर में आईजी लक्ष्मी सिंह ने बिल्हौर सर्कल अधिकारी के कार्यालय से जांच के लिए लैपटॉप और दस्तावेज जब्त किए थे। दो दिन पहले जब यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, तो एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार प्रभु ने कहा था कि उनके कार्यालय में इस पत्र के आने का पता नहीं लग पाया है। अभी तक यह पता नहीं चला है कि यह पत्र कैसे गायब हुआ और इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। आईजी ने इस मामले में विस्तृत जांच कराए जाने की सिफारिश की है।