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भारत देश में बहुत कम बार ऐसा देखने को मिला है जब कोई सरकारी अफसर अपने पद का सही इस्तेमाल कर रहा हों. क्योंकि अक्सर देखा गया है की संविधान द्वारा बनाये गए नियम और कानून का पालन सिर्फ आम आदमी ही करता है. हमारे देश में राजनेताओं के लिए नियम और कानून के साथ चलना उनकी शान के खिलाफ होता है और बहुत कम बार देखा गया है जब कोई अफसर राजनेताओं पर खुल कर कार्यवाही कर रहा हो.

क्या हो जब कोई अफसर अपनी नौकरी और ट्रांसफर की चिंता ना करके सिर्फ अपने कर्तव्यों का पालन करें. आज हम लेके आये है एक ऐसी महिला आईपीएस अफसर की कहानी जिसने अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल करते हुए एमपी की सीएम उमा भारती को गिरफ्तार कर लिया था. इनका नाम है रूपा दिवाकर मौदगिल जिनको अपने काम करने के तरीकों के चलते  20 साल के कार्यकाल में 40 बार ट्रांसफर लेटर मिल चूका है.

आईपीएस रूपा दिवाकर मौदगिल

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भारत की पहली महिला होम सेक्रेटरी रूपा दिवाकर मौदगिल का जम्म कर्नाटक में हुआ था. साल 2000 आईपीएस केडर में चुनी गयी गयी रूपा ने उस समय यूपीएससी में 43 वीं रैंक हासिल की थी. जिसके बाद उन्होंने हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी प्रशिक्षण लिया जिस दौरान उन्हें अपने बैच में पांचवा स्थान प्राप्त हुआ.

उनके प्रशिक्षण पुरे होने के बाद उन्हें कर्नाटक के धारवाड़ जिले में एसपी के रूप में नियुक्त किया गया. उनके पिता जे एच दिवाकर एक सेवा निर्वत्त इंजीनियर हैं.

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हाल ही में निडर आईपीएस रूपा को राज्य के गृह विभाग हेंडलूम एम्पोरियम में ट्रांसफर मिला है, क्योंकि उन्होंने एक भ्रष्ट असफर के कुकर्मो का खुलासा किया था, लेकिन रूपा ले लिए ये को नयी बात नहीं है क्योंकि उनको अपने 20 साल के करियर में 40 बार ट्रांसफर मिल चूका है.

उन्होंने साल 2003-04 में एक कोर्ट के केस के चलते उस समय मौजूदा एमपी राज्य की सीएम उमा भारती को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद से उनके ट्रांसफर का सिलसिला शुरू हो गया, क्योंकि उन्होंने अपने काम करने का तरीका नहीं बदला. उनका रिकार्ड रहा है वह जहां भी अपनी सेवा देती हैं, वहां वह भ्रष्ट लोगों की नाक में दम कर देती हैं.

नहीं पड़ता तबादले से फर्क: रूपा दिवाकर मौदगिल

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रूपा दिवाकर बताती हैं कि ‘उन्हें अपने तबादलों से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि जब भी वह किसी गलत कार्य के विरुद्ध आवाज उठती हैं, उनका तबादला कर दिया जाता है.’

रूपा ने बैंगलोर सेफ सिटी प्रोजेक्ट में कार्य करने के दौरान वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर हेमंत निंबालकर को टेंडर प्रोसेस के गड़बड़ी करने और टेंडर लेने वाले ठेकेदार से मिले होने के कारण निलंबित कर दिया था, जिसके बाद वहां से भी उनका ट्रांसफर कर दिया गया.

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आपको बता दें रूपा को आईएस के पद कर काम करने का मौका मिला था, लेकिन वह बचपन से आईपीएस ऑफिसर बनना चाहती थी. इसलिए उन्होंने आईपीएस का पद चुन लिया. रूपा बताती हैं कि हर सरकारी नौकरी में तबादला होना उसका अहम हिस्सा होता है, और जब आप आईपीएस या आईएस जैसे पद पर कार्यरत है, तो इसके लिए आपको मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए.

उनके मुताबिक उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जितने साल काम किया है, उसके दुगनी बार उन्हें ट्रांसफर मिल चुका है. उनका मानना है जब आप भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होते हैं, तब आपको विवाद और जोखिमों से गुजरना ही पड़ता है और उन्होंने इस तरह के दबाब को करीब से देखा है.

शार्प शूटर, भारत नाट्यम डांसर और प्लेबैक सिंगर भी हैं रूपा

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रूपा बेहतरीन पुलिस अफसर होने के साथ कई कलाओं में भी माहिर हैं. वह ट्रेड़ भारत नाट्यम डांसर होने के साथ प्लेबैक सिंगर भी हैं, उन्होंने एक कन्नड़ फिल्म बयालाताड़ा भीम अन्ना में एक गीत भी गाया है. इसके आलावा रूपा एक शार्प शूटर भी हैं, जिसके चलते उन्हें कई बार अलग अलग पुरूस्कारों से सम्मानित भी किया जा चूका है. इसके साथ ही उन्हें 2 बाद राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिल चुका है.

इनकी शादी आईएएस अफसर मुनीश मुद्गील से साल 2003 में हुई थी. वहीँ इनकी छोटी बहन रोहिणी दिवाकर भी 2008 बैच की आईआरएस अफसर हैं.

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