जब हम छोटे होते है तो हमें पता नहीं होता की जिमेदारियां क्या होती है, लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है तो हमारी मासूमियत न जाने कहा गम हो जाती है पता ही नहीं चलता. अब देखा जाए तो बच्चों से ज्यादा सच्चाई किसी में नहीं होती क्योंकि बचपन में न धर्म मायने रखता ना ही मजहब. बच्चों के इस भोलेपन और मासूमियत को इटली के एक मशहूर फोटोग्राफर मैसिमो बिएटी ने दुनिया भर एक बच्चों की तशिवीरों का के कलेक्शन तैयार किया है. जिसमें उन्होंने दिखाया है कि दुनियाभर में बच्चे कठिन परिस्थितियों में भी बड़ी सहजता से अपने बचपन को जीते है.
फोटोग्राफर ने भारत समेत रूस, सूडान, इथियोपिया, भारत, बांग्लादेश आदि देशों के बच्चों का दिखाया हाल
इटली के मशहूर फोटोग्राफर मैसिमो बिएटी ने दुनिया भर के गरीब और आदिवासी बच्चों की तश्वीरों का एक कलेक्शन दुनिया के सामने पेश किया है. मैसिमो ने दुनिया भर में घूम-घूम के इन मासूम बच्चों की तश्वीरें अपने केमरे में कैद की है. फोटोग्राफर के इस कलेक्शन में रूस, सूडान, इथियोपिया, भारत, बांग्लादेश आदि जैसे देशों के बच्चे शामिल किये गए है, साथ ही इस उनके इस प्यारे से संग्रह में ज्यादातर गरीब और आदिवासी बच्चों की जीवन शैली दर्शायी गयी है. आप भी देखे ये मासूम बच्चे जीवन की कठिनाईयों को दरकिनार करते हुए कितने आराम से अपने बचपन को एंजाय कर रहे है,
इस फोटो में देखे कैसे ये बच्ची अपनी माँ की पुरानी साड़ी से झुला बनाकर झूल रही है. इस खुशी की कोई कीमत नहीं है ये अनमोल है. ये तश्वीर भारत के एक आदिवासी गाँव की है.
इस आदिवासी बच्चे के शरीर पर कपड़े के नाम पर एक प्यारी सी मुस्कान है. बछड़े के साथ इस बच्चे की खुशी देखते ही बन रही रही है.
इस बच्चे की मासूमियत तो आपका दिल छु लेगी. ये तश्वीर नॉर्वे के ठंडे इलाके की है.
जुगाड़ वाली नांव में बैठे इस बच्चे को देखिये जिसे अपने पीछे खतरनाक मगरमच्छ का जरा भी डर नहीं है. वही फोटोग्राफर ने जब इसके सामने केमरा चालू किया तो ये मासूम बच्चा पोज देने लगा. ये तश्वीर कंबोडिया देश के एक आदिवासी इलाके की है.
इतनी छोटी सी उम्र में बचपन जीने की बजाय इस बच्चे ने बोद्ध धर्म अपना लिया है, जिससे इस मासूम बच्चे के चहरे पर के एक अलग ही शांति देखने को मिल रही है. ये तश्वीर मयांमार में एक बोद्ध स्थल की है.
ये तश्वीर इटली की है.
इस बच्चे की जुगाड़ गाड़ी शहरों के महंगे-महंगे खिलोनों को मात दे रही है..ये तश्वीर बांग्लादेश में एक छोटे से गाँव की है.
ये तश्वीर पपुआ देश के एक आदिवासी इलाके की है. देखिये इस बच्चे के चेहरे के ठहराव को.