वर्तमान परिस्थिति कुछ इस प्रकार है कि अगर हमें सामान्य बुखार या फिर सर्दी, खांसी हो तो हम उसे कोरोना समझ कर डर जाते हैं. कोरोना वायरस ने हमारा माइन्ड सेट ऐसा कर दिया है कि, सिर्फ एक खांसी आने पर हमारी हिम्मत टूट जाती है।और अगर कोरोना किसी उम्रदराज लोगों को हो, तो फिर सभी ऐसा सोचते हैं कि पता नहीं यह जिंदा रहेगा भी या नहीं। मगर पुणे से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक 105 साल की दादी कोरोना को हराकर घर सहीसलामत वापस आई है. डॉक्टर भी इस बूढी महिला को देखकर हैरान है.
105 साल की बुजुर्ग महिला को हुआ कोरोना
कुछ दिन पहले पुणे की रहने वाली 105 साल की बुजुर्ग महिला शांताबाई गणपत हुलावले कोरोना से संक्रमित हुई थीं. परिवार के लोगो ने उन्हे एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया था. सभी लोग यही सोच रहे थे कि इस बूढी महिला का बच पाना अब नामुमकीन है.
दादी के बुलंद हौसले पर डॉक्टर भी हैरान
इस बूढी दादी को जब हॉस्पिटल मे एडमिट किया गया तो इनके बुलंद हौसले को देखकर हर कोई हैरान रह गया था. खुद को कोरोना होने के बावजुद चिंता की हल्की सी लकीर भी उनके चेहरे पर नही थी. डॉक्टर भी सोचते रह गये कि आखिर एक 105 साल की महिला कि इम्युनिटी इतनी स्ट्रांग कैसे हो सकती है.
हॉस्पिटल से ले रही थी घर की जानकारी
खुद को कोरोना होने के बावजुद वह अपने पोते हुलावले के साथ चैट करती थी. वीडियो कॉल करके उल्टा अपने परिवार वालों को हिम्मत देती थीं। हॉस्पिटल मे होने के बावजुद घर के कामकाज की जानकारी ले रही थी. आखिरकार 15 दिनो के इलाज के बाद दादी सही सलामत घर वापस आ गई.