Indian Cricketers : बार-बार चोटिल होने और टीम से लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के बावजूद, इन दोनों भारतीय क्रिकेटरों (Indian Cricketers) का चयन जारी है। इनका करियर चोट और वापसी का मिश्रण रहा है। हालाँकि उनकी निरंतरता पर सवाल उठते हैं, फिर भी चयनकर्ताओं को उन पर भरोसा है।
उनकी प्रतिभा निर्विवाद है, लेकिन फिट रहने के लिए उनका संघर्ष भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आइए जानें कि ये लगातार प्रयास करने वाले खिलाड़ी कौन हैं…
1. हार्दिक पांड्या-चोट के बाद वापसी में होतें हैं और बेहतर
बार-बार चोटिल होकर टीम से बाहर होने के बाद भी टीम में जो दो भारतीय क्रिकेटर (Indian Cricketers) टीम में चुने जाते हैं उनमें से एक हैं हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya), जो हर चोट के बाद वापसी में और बेहतर हो जाते हैं।
जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज़ में पदार्पण करने के बाद से ही हार्दिक पांड्या टीम इंडिया के सबसे मूल्यवान खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। हालाँकि पांड्या भारत के लिए एक अविश्वसनीय रूप से प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी कमजोरी उनकी चोटों से ग्रस्त प्रवृत्ति है।
फिर चाहें वो एशिया कप 2018 हो, भारत बनाम इंग्लैंड 2016 घरेलू सीरीज हो या फिर 2023 विश्व कप, जहां वो बांग्लादेश के खिलाफ भारत के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे और उसके बाद कई श्रृंखलाओं से बाहर हो गए थे, इसके बावजूद वो वापसी करने में माहिर हैं।
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2. जसप्रीत बुमराह- चोट और वापसी का पुराना रिश्ता
इस कड़ी में दूसरे क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह हैं। बुमराह का चोट से पुराना नाता रहा है, जिसकी शुरुआत जून 2018 से होती है, आयरलैंड के खिलाफ एक टी20 मैच के दौरान, बुमराह को कैच लेने के प्रयास में अपने बाएँ अंगूठे में फ्रैक्चर हो गया था।
इसके बाद सितंबर 2019 बुमराह की पीठ के निचले हिस्से में स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया था, वहीं, 2021 में पेट में खिंचाव आ गया था, उनको चोटों की कहानी यहीं नहीं रुकी, इसके बाद जनवरी 2023 में, बुमराह पीठ की चोट के कारण श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला से चूक गए।
2025 की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के अंतिम टेस्ट के दौरान, बुमराह को पीठ में ऐंठन का अनुभव हुआ, जिसके कारण उन्हें स्कैन के लिए मैदान छोड़ना पड़ा,और लंबे समय तक बाहर रहना पड़ा, इंग्लैंड के खिलाफ केवल 3 टेस्ट में हिस्सा लिया।
चोटों की बावजूद चुने जाते हैं दोनों Indian Cricketers
लगातार चोटों के बावजूद इन दोनों भारतीय क्रिकेटरों (Indian Cricketers) को टीम इंडिया में चुना जाता है और इसका सीधा सा और सरल कारण है, इनका दमदार प्रदर्शन, ये जितनी बार चोटिल होकर वापस आते हैं उतने ही खतरनाक हो जाते हैं, और यही इनकी टीम में वापसी का कारण है।
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