पहले प्रयास में 21 वर्षीय बेटी ने क्लियर किया Ssb, Army में बतौर लेफ्टिनेंट जॉइन करेंगी

अपने काबिलियत के दम पर एक बेटी ने अपने परिवार और देश का नाम रोशन किया है। देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रहीं हैं। आज की यह कहानी देश के बेटी की है जिसने आर्मी के एग्जाम में टॉप किया है। यह PEC की विद्यार्थी हैं और अब यह लेफ्टिनेंट बनेंगी।

प्रथम प्रयास में ही हासिल की सफलता

पहले प्रयास में 21 वर्षीय बेटी ने क्लियर किया Ssb, Army में बतौर लेफ्टिनेंट जॉइन करेंगी

21 वर्षीय बेटी पंचकूला के अमरावती एनक्वेल की रहने वाली हैं। यह पंजाब के इंजीनियरिंग कॉलेज की स्टूडेंट हैं। इनकी नियुक्ति “इंडियन आर्मी के द्वारा आयोजित” प्रतिष्ठित ऑफिसर में हुई है। इन्होंने आर्मी के परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर हमारे देश, अपने इंस्टीट्यूट और माता-पिता का नाम गौरवान्वित किया है। इन्होंने यह उपलब्धि प्रथम प्रयास में ही हासिल की है। इनके इस उपलब्धि से सभी बहुत खुश हैं और इन्हें शुभकामनाएं दे रहें हैं। इनका सपना था कि यह इंडियन आर्मी में जाएं और इस रिजल्ट से इनका सपना पूरा हुआ है। इन्होंने यह जानकारी दी है कि ट्रेनिंग के बाद यह लेफ्टिनेंट का स्थान प्राप्त कर लेंगी। सिविल इंजीनियरिंग के फील्ड की लड़कियों के खातिर आर्मी के माध्यम से डायरेक्टर एंट्री में 2 पदों पर 8 नियुक्ति होनी थी। इस पोस्ट के लिए हज़ार की तादाद में फॉर्म फील किया गया था। इसमे 7 सौ को शार्ट लिस्ट किया गया जिसमें हमारी महिमा टॉप रहीं।

मात्र 2 सप्ताह में हुई फिट

पहले प्रयास में 21 वर्षीय बेटी ने क्लियर किया Ssb, Army में बतौर लेफ्टिनेंट जॉइन करेंगी

इनन्होने बताया कि SSB इनका 9-13 जून को बंगलुरु में हुआ था। इस दौरान कोरो’ना ने तहलका मचा रखा था, सब जगह लोग परेशान थे। लेकिन इनका जुनून अपने सपने को पूरा करना था। उस वक्त SSB में एक यही लड़की थी और ना ही कोई घर का सदस्य या दूसरे व्यक्ति थे। मास्क और शील्ड के कारण इन्हें अपने फिजिकल टेस्ट में परेशानी हुई। आगे इन्हें 42 दिन का वक्त मिला कि यह फिट हो सकें। तब इन्होंने मेहनत किया और मात्र 2 सप्ताह में फिट हो गईं। इनके दोस्तों ने भी इनकी खूब मदद की।

मिला वॉर वैटर्न से प्रेरणा

आपको बता दे इन्हे बहादुर वार वैटर्न वशिका त्यागी से प्रेरणा लिया है। जब इन्होंने इनका भाषण सुना उस दिन से इनका सपना आर्मी ज्वॉइन करने का बन गया। इनका मानना है कि यहां जिंदगी को अलग तरह से व्यतीत करने का मौक़ा मिलता है जो मेरे लिए बहुत ही खास है। यह 4 वर्षों तक अपने कॉलेज में वॉलंटियर थी। यह अपने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई में 90% से अधिक अंक ला चुकी है।