Muslim Woman: पंजाब में आई भयंकर बाढ़ ने हजारों परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। घर उजड़ गए, खेत बर्बाद हो गए और लोग भोजन व पानी के लिए तरसने लगे। इस संकट की घड़ी में सरकार और प्रशासन के साथ-साथ समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
इन्हीं में से एक मिसाल बनी हैं हरियाणा की 80 वर्षीय मुस्लिम महिला (Muslim Woman), जिन्होंने इंसानियत को धर्म से ऊपर रखा और अपनी जीवनभर की जमा पूंजी गरीबों की मदद में लगा दी।
गहने बेच कर बाढ़ पीड़ितों की मदद

बताया जा रहा है कि इस बुजुर्ग महिला (Muslim Woman) ने अपने गहने बेचकर जो राशि मिली, वह पूरी की पूरी पंजाब के बाढ़ पीड़ितों को दान कर दी। इस कदम ने न केवल प्रभावित परिवारों की मदद की, बल्कि पूरे देश को यह संदेश भी दिया कि जब बात मानवता की हो तो कोई भी धर्म, जाति या समुदाय मायने नहीं रखता।
सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, और लोग उन्हें “माँ समान दानवीर” कहकर सम्मानित कर रहे हैं।
मेवात की 80 साल की बुज़ुर्ग अम्मा ने बड़ा दिल दिखाया।
अपनी जमा पूँजी और गहने बेचकर पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद की।
जब हर कोई अपने दुख में उलझा है, उन्होंने इंसानियत को प्राथमिकता दी।
कहती हैं –बाढ़ में फंसे लोग भी हमारे अपने हैं।
ये है हौसला और जज़्बा एक बुजुर्ग मां की..!! pic.twitter.com/hy6hQCrxYT
— ✨𝐀𝐅𝐑𝐎𝐙𝐀 𝐊𝐇𝐀𝐍 ✨ (@Afroza_10Khan) September 7, 2025
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कई संगठन ने की मदद
इससे पहले भी कई संगठन और समुदाय पंजाब की मदद के लिए सामने आए हैं। हरियाणा के अंबाला जिले के नाराingarh की मुस्लिम कम्युनिटी ने 10 ट्रक राहत सामग्री भेजी। विभिन्न NGO और धार्मिक समूह ने भी भोजन, पानी, दवा और कपड़े बाँट रहे हैं।
उद्योग जगत और आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों ने भी राहत कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। लेकिन इस महिला (Muslim Woman) का योगदान विशेष इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने अपनी वृद्धावस्था में निजी सुख-सुविधा की परवाह किए बिना अपनी सबसे कीमती संपत्ति – गहने – त्याग दिए।
उनकी यह पहल बताती है कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। जब लोग आपसी भेदभाव भूलकर एक-दूसरे का हाथ थामते हैं, तभी समाज में सच्ची एकता और करुणा की भावना जीवित रहती है। यह कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी कि संकट के समय केवल मदद ही सबसे बड़ी पूजा है।
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