नई दिल्ली: वो कहावत है न कि देने वाला जब भी देता छप्पर फाड़ के। कुछ ऐसा ही एक मामला इंडोनेशिया में देखने को मिला है। जहां एक ताबूत बनाने वाले 33 साल के जोसुआ हुतागलुंग के घर पर आसमान से एक बहुत ही अनमोल खजाना आ गिरा। जिसके चलते वह शख्स 10 करोड़ रुपये का मालिक बन गया। आपको बता दें कि, जोसुआ के घर पर आकाश से एक बड़ा सा उल्कापिंड आ गिरा। बताया जा रहा है कि यह दुर्लभ उल्कापिंड करीब साढ़े 4 अरब साल पुराना है।
उल्कापिंड के गिरने से घर की छत में हुआ बड़ा सा छेद
उल्कापिंड के गिरने के वक्त जोसुआ उत्तरी सुमात्रा के कोलांग में अपने घर के पास में ही कार्य कर रहे थे। इस दौरान उल्कापिंड के गिरने से उनकी घर की छत में एक बड़ा सा छेद हो गया। इसके साथ ही उल्कापिंड गिरने पर 15 सेंटीमीटर जमीन में धंस भी गया। आकाश से गिरे इस पत्थर का भार लगभग 2.1 किलोग्राम बताया जा रहा है।
बता दें कि, आकाश से गिरे इस पत्थर ने जोसुआ के आर्थिक संकट को दूर कर दिया। इस उल्कापिंड के बदले जोसुआ को 14 लाख पाउंड या करीब 10 करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं जोसुआ ने जमीन के भीतर गड्ढा खोदकर अनमोल उल्कापिंड को बाहर निकाला।
4.5 अरब साल पुराना उल्कापिंड, 857 डॉलर प्रतिग्राम कीमत
बताया जा रहा है कि यह उल्कापिंड 4.5 अरब साल पुराना है। वहीं इसकी गणना अत्यंत दुर्लभ प्रजाति में की जाती है, जिसकी कीमत 857 डॉलर प्रतिग्राम है। जोसुआ ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि जब उन्होंने इसे जमीन से बाहर निकाला, तो वह काफी ज्यादा गरम था और आंशिक रूप से टूटा हुआ भी था। आगे जोसुआ ने बताया कि उल्कापिंड के गिरने की ध्वनि इतनी तेज थी कि उसके घर के कई सारे हिस्सा हिल गयें।
आगे उन्होंने कहा कि, ‘वहीं जब मैंने छत की तरफ नजर डाली, तो वह टूटी हुई थी। मुझे पूरा यकीन हो गया कि यह पत्थर जरूर आसमान से गिरा है, जिसे कई लोग उल्कापिंड कहते हैं। बता दें, ऐसा इसलिए था कि मेरी छत पर किसी का पत्थर फेंकना संभव नहीं है।
जोसुआ को मिली 30 साल तक काम करने की सैलरी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, उन्होंने बहुत ही ज्यादा तेज धमाके की आवाज सुनी और जिससे उनके घर तक हिल गए। बता दें कि, दुर्लभ उल्कापिंड के गिरने के बाद जोसुआ के घर उसे देखने वालों की लंबी कतार लग गई। इस बारे में जोसुआ ने कहा कि, ‘काफी सारे लोग मेरे घर आ रहे हैं और उसे उत्सुकता के साथ देख रहे हैं। वहीं इस पत्थर से जोसुआ को इतना रुपए मिल गए है कि जितना उसे तीस साल तक काम करने के बाद सैलरी से मिल सकते थे। जोसुआ ने कहा कि वह इस पैसे से अपने समुदाय के लिए चर्च का निर्माण करवाएंगे।