आज 2 दिसम्बर को हिंदू पंचांग (Aaj Ka Panchang 2 December 2020) के अनुसार बुधवार है. बुधवार का दिन भगवान श्रीगणेश को समर्पित है. गणेशजी सभी देवता में प्रिय देता है. अत: बुधवार के दिन गणेशजी का पूजन-अर्चन करने से अनंत सुख और अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है. इस दिन बुध ग्रह का पूजन करना भी बहुत ही लाभदायी माना गया है. पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी रहेगी आज ग्रहों की चाल
आज का पंचांग
दिनाँक -: 02/12/2020 ,बुधवार
द्वितीया, कृष्ण पक्ष
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ——–द्वितीया 18:21:34 तक
पक्ष —————————कृष्ण
नक्षत्र ——–मृगशिरा 10:36:51
योग ———— साध्य 11:13:00
करण ————–गर 18:21:34
वार ————————–बुधवार
माह ———————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि ——————–मिथुन
सूर्य राशि ——————–वृश्चिक
रितु —————————–शरद
सायन ————————-हेमन्त
आयन ——————दक्षिणायण
संवत्सर ———————-शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942
सूर्योदय —————-06:54:37
सूर्यास्त —————–17:22:49
दिन काल ————–10:28:12
रात्री काल ————-13:32:32
चंद्रोदय —————-18:58:39
चंद्रास्त —————–31:13:48
लग्न —-वृश्चिक 16°10′ , 226°10′
सूर्य नक्षत्र —————अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र —————–मृगशिरा
नक्षत्र पाया ——————–रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
की —-मृगशिरा 10:36:51
कु —-आर्द्रा 17:05:04
घ —-आर्द्रा 23:31:46
ङ —-आर्द्रा 29:56:55
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य=वृश्चिक 16°52 ‘ ज्येष्ठा , 1 नो
चन्द्र = मिथुन 11°23’ आर्द्रा ‘ 2 घ
बुध = वृश्चिक 07°07 ‘ अनुराधा’ 2 नी
शुक्र= तुला 19°55, स्वाति ‘ 4 ता
मंगल=(व)मीन 22°30’ रेवती ‘ 2 दो
गुरु=धनु 01°22 ‘ उ oषा o , 2 भो
शनि=मकर 03°43’ उ oषा o ‘ 3 जा
राहू=(व)वृषभ 26°35 ‘मृगशिरा , 1 वे
केतु=(व)वृश्चिक 26°35 ज्येष्ठा , 3 यी
🚩💮🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩💮🚩
राहू काल 12:09 – 13:27 अशुभ
यम घंटा 08:13 – 09:32 अशुभ
गुली काल 10:50 – 12:09 अशुभ
अभिजित 11:48 -12:30 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:48 – 12:30 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:55 – 08:13 शुभ
अमृत 08:13 – 09:32 शुभ
काल 09:32 – 10:50 अशुभ
शुभ 10:50 – 12:09 शुभ
रोग 12:09 – 13:27 अशुभ
उद्वेग 13:27 – 14:46 अशुभ
चर 14:46 – 16:04 शुभ
लाभ 16:04 – 17:23 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:23 – 19:04 अशुभ
शुभ 19:04 – 20:46 शुभ
अमृत 20:46 – 22:28 शुभ
चर 22:28 – 24:09* शुभ
रोग 24:09* – 25:51* अशुभ
काल 25:51* – 27:32* अशुभ
लाभ 27:32* – 29:14* शुभ
उद्वेग 29:14* – 30:55* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 06:55 – 07:47
चन्द्र 07:47 – 08:39
शनि 08:39 – 09:32
बृहस्पति 09:32 – 10:24
मंगल 10:24 – 11:16
सूर्य 11:16 – 12:09
शुक्र 12:09 – 13:01
बुध 13:01 – 13:53
चन्द्र 13:53 – 14:46
शनि 14:46 – 15:38
बृहस्पति 15:38 – 16:30
मंगल 16:30 – 17:23
🚩होरा, रात
सूर्य 17:23 – 18:31
शुक्र 18:31 – 19:38
बुध 19:38 – 20:46
चन्द्र 20:46 – 21:54
शनि 21:54 – 23:01
बृहस्पति 23:01 – 24:09
मंगल 24:09* – 25:17
सूर्य 25:17* – 26:25
शुक्र 26:25* – 27:32
बुध 27:32* – 28:40
चन्द्र 28:40* – 29:48
शनि 29:48* – 30:55
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान———————उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll