सरकार ने नहीं ली होती 'टाटा' की 'एयर इंडिया' तो आज होती नंबर 1, टाटा फिर खरीदेगी !

नई दिल्ली: साल 1932 में जेआरडी टाटा ने भारत के एविएशन इतिहास की पहली कमर्शियल फ्लाइट उड़ाई थी। Puss Moth विमान ने कराची से उड़ान भरी व जेआरडी टाटा ने इसे मुंबई के जुहू में उतारा था। देश में पहली हवाई सेवा की शुरुआत हो चुकी थी, जिसे शुरुआत भारत रत्न जेआरडी टाटा ने शुरू किया था। इसी के साथ ही भारत में इतिहास रच चुका था। इसके बाद बेहतरीन पायलट व उद्यमी टाटा ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बता दें कि, शुरुआत में मुंबई के जुहू के पास टाटा एयरलाइंस को एक मिट्टी के मकान से संचालन किया जाता था। लेकिन बारिश के कारण यहां के रनवे पर पानी भर जाता था, जिसके बाद जेआरडी पूना से विमान को संचालित करते थे। वहीं अब टाटा संस संकट का सामना कर रही अपनी पुरानी ‘माशूका’ एयर इंडिया को खरीदने के लिए रुचि ली है। बता दें, कंपनी (Expression of Interest) सौंपने जा रही है।

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ईओआई सौंपने वाली कंपनियों को वर्चुअल डेटा रूम व एयर इंडिया के सारे रिकार्ड्स का एक्सेस मिलेगा। वहीं क्वालीफाई करने वाली कंपनियों को फाइनल बाइंडिंग बिड्स के लिए 28 दिसंबर से आमंत्रित किया जाएगा।

बता दें कि, टाटा व एयर इंडिया का पुराना नाता रहा है। उद्योगपति जेआरडी टाटा ने भारत की आजादी से पहले ही साल 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। ब्रिटेन की शाही रॉयल एयर फोर्स के पायलट होमी भरूचा टाटा एयरलाइंस के पहले पायलट थे। वहीं जेआरडी टाटा दूसरे और विंसेंट तीसरे पायलट थे।

भारत के पहले पायलट

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टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन जेआरडी टाटा रतन दादाभाई टाटा और सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान थे। वहीं उनकी मां भारत में कार चलाने वाली पहली महिला थीं, जोकि फ्रांसीसी थीं। जिसके चलते जेआरडी टाटा का बचपन फ्रांस में ही बीता। वहीं रहते-रहते उनकी दिलचस्पी एयरक्राफ्ट में पैदा हो गई। साल 1929 में उन्हें पायलट का लाइसेंस प्राप्त हुआ। बता दें, भारत में पहली बार किसी को पायलट का लाइसेंस इश्यू किया गया था।

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बदल गया था नाम

दूसरे विश्वयुद्ध के समय विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। इसके बाद जब फिर से विमान सेवाएं बहाल की गईं, तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था।

कराची से मुंबई की पहली उड़ान

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जेआरडी टाटा ने 15 अक्टूबर 1932 को कराची से मुंबई की उड़ान भरी थी।  इस दौरान उनके जहाज में डाक थी। मुंबई के बाद नेविल विसेंट इस प्लेन को उड़ाकर चेन्नै ले गए थे।

पहली कमर्शियल फ्लाइट

बताया जाता है कि 15 साल की कम उम्र में जेआरडी ने एक पायलट बनने का फैसला किया था। वहीं अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्हें नौ साल तक इंतजार करना पड़ा। मुंबई में जब पहला फ्लाइंग क्लब खुला, तब उनकी उम्र 24 साल हो चुकी थी।

जेआरडी टाटा फ्लाइंग लाइसेंस पाने वाले पहले भारतीय थे। जिसके चलते भारत की पहली एयरलाइंस बनने की शुरुआत हुई। जेआरडी टाटा को साल 1932 में भारत की पहली कमर्शियल फ्लाइट को उड़ाने का गौरव हासिल हुआ। इस तरह से भारत की पहली हवाई सेवा की शुरुआत हुई।

टाटा एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण 1953 में हुआ

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दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब उड़ान सेवाओं को बहाल किया गया था, उस वक्त 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस ‘पब्लिक लिमिटेड’ कंपनी बन गई थी और उसका नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड रखा गया। वहीं देश के आजाद होने के बाद साल 1947 में टाटा एयरलाइंस की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। वहीं साल 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया था।