Champions Trophy : इस साल फरवरी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) पिछले कुछ महीनों से लगातार विवादों में है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने साफ कर दिया है की टीम इंडिया इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी। इसलिए अब यह टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में आयोजित किया जाएगा। लेकिन अब एक और विवाद खड़ा हो गया है। लेकिन ये विवाद भारत या पाकिस्तान का नहीं बल्कि इंग्लैंड की वजह से खड़ा हो गया है।
इस देश के खिलाफ नहीं खेलेगा इंग्लैंड
इंग्लैंड ने अफगानिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया है। दरअसल, ब्रिटेन के 160 सांसदों ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड से चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच ना खेलने की अपील की थी। इसका कारण अफगानिस्तान में तालिबान शासन द्वारा महिलाओं के अधिकारों पर लगाए गए प्रतिबंध हैं। इस मुद्दे पर ब्रिटिश संसद के दोनों सदनों- हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स में चर्चा हुई। सांसदों ने ईसीबी से अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ कड़ा संदेश देने की अपील की।
जानिए क्या है पूरा मामला?
तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद से महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। महिलाओं को खेलों में भाग लेने से भी रोक दिया गया है। ईसीबी का बयान ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड ने कहा कि अगर आईसीसी (Champions Trophy) के सभी सदस्य मिलकर इस मामले में कार्रवाई करते हैं तो इसका बड़ा असर होगा।
उन्होंने कहा, “ईसीबी तालिबान द्वारा महिलाओं और लड़कियों पर किए जा रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा करता है। आईसीसी संविधान में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने की बात कही गई है। इसी के तहत ईसीबी ने अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलने का फैसला किया है।”
26 फरवरी को दोनों टीमों के बीच होने वाला है मैच
राजनेता चाहते हैं कि ईसीबी तालिबान शासन द्वारा महिलाओं के अधिकारों के दमन के खिलाफ आवाज उठाए और चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) में 26 फरवरी को पाकिस्तान के लाहौर में अफगानिस्तान के खिलाफ पुरुषों के वनडे मैच का बहिष्कार करे। 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से खेल में महिलाओं की भागीदारी को प्रभावी रूप से गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है।
यह फैसला भी आईसीसी के नियमों का उल्लंघन है लेकिन अफगानिस्तान को आईसीसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति है। ऐसे में ब्रिटेन के सांसदों ने ईसीबी से नैतिकता के आधार पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने की अपील करते हुए पत्र लिखा है।
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