Bihar: टीम इंडिया इन दिनों काफी अच्छी फॉर्म है। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर मिली टेस्ट सीरीज हार के अलावा पिछले लगभग 4 वर्षों में भारतीय क्रिकेट ने देसी और विदेशी सरजमीं पर काफी बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया है। लेकिन अगर आप भारतीय स्क्वाड को करीब से देखेंगे, तो उसमें आपको एक खास विशेषता नजर आएगी। टीम इंडिया में कुछ चुनिंदा राज्यों के खिलाड़ी दिखाई देंगे। इसके अलावा बिहार (Bihar) जैसे राज्य तो पूरी तरह से नजर अंदाज किए जा रहे हैं।
बिहारियों को नहीं मिल रहा मौका
आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम में बिहार (Bihar) के खिलाड़ी ना के बराबर नजर आते हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि इस राज्य में क्रिकेट की प्रतिभा नहीं है। बल्कि महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, ईशान किशन, मुकेश कुमार, सबा करीब और कीर्ति आज़ाद जैसे दिग्गज खिलाड़ी बिहार से ही हैं। मगर इनमें से अधिकतर खिलाड़िओं ने डोमेस्टिक क्रिकेट किसी और राज्य के लिए खेला, जो सवाल उठता है कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया।
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होती है नजरअंदाजी
दरअसल, बिहार के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय चयनकर्ता गंभीरता से नहीं लेते। इसके अलावा यहाँ का इंफ्रास्ट्रक्टर भी कुछ खास नहीं है। ऐसे में प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपना करियर सँवारने के लिए दूसरे राज्यों और क्रिकेट एसोसिएशन का रुख करते हैं। खैर ये बुरा हाल केवल बिहार (Bihar) का ही नहीं है। उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और नार्थ ईस्ट की लगभग सभी टीमें इन परीस्थितियों को झेल रही है। टीम इंडिया में केवल कुछ राज्यों के खिलाड़ियों की भरमार देखने को मिलती है।
इन राज्यों के खिलाड़ी आते हैं नजर
टीम इंडिया में सबसे अधिक मुंबई, दिल्ली और गुजरात के खिलाड़ी दिखाई देते हैं। दिल्ली ने भारतीय क्रिकेट को विराट कोहली, गौतम गंभीर, शिखर धवन जैसे खिलाड़ी दिए हैं, तो वहीं मुंबई से रोहित शर्मा, सचिन तेंदुलकर, अजिंक्य रहाणे और सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ी निकले हैं। ऐसे में बिहार (Bihar) को चाहिए कि वे कम उम्र से ही प्रतिभा की पहचान करे और सुपर स्टार खिलाड़ियों का निर्णाण करे।
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