Team India: भारतीय टीम इन दिनों ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। जहां दोनों टीमों के बीच 5 मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज खेली जानी है। जिसका आगाज 22 नवंबर से पर्थ में होने जा रहा है। अब इस सीरीज के शुरू होने से पहले ही टीम इंडिया (Team India) को करार झटका लगा है। आपको बता दें, भारत के इस क्रिकेटर ने दूसरे देश से क्रिकेट खेलने का फैसला ले लिए है। क्या है पूरा माजरा आइए जानते है विस्तार से….
दूसरे देश से खेलता नजर आएगा ये खिलाड़ी
टीम इंडिया (Team India) के युवा सलामी बल्लेबाज पिछले तीन साल से अंतरारष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं या ऐसा कह ले कि उन्हें मौका ही नहीं दिया जा है। मैनेजमेंट उनके नाम पर विचार करने को ही राजी नहीं है। आपको बता दें, शॉ ने भारतीय टीम के लिए आखिरी बार साल 2020 में टेस्ट मुकाबला खेला था
और इसके बाद से ही वो कभी अपनी फिटनेस तो कभी विवादों के चलते भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच अब उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए एक बार फिर से काउंटी क्रिकेट में वापसी का मन बना लिया है। शॉ इससे पहले भी नॉर्थम्पटनशायर की तरफ से काउंटी खेल चुके हैं।
बड़ी पारियां खेलने में माहिर ये खिलाड़ी
दाएं हाथ का ये बल्लेबाज बड़ी और आक्रामक पारियां खेलने के लिए जाना जाता हैं। उनका खेलने का अंदाज तेज-तर्रार है, और वह अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से किसी भी मैच का रुख पलटने की क्षमता रखते हैं। पृथ्वी शॉ अक्सर ही बड़ी-बड़ी पारियां खेलते हैं और ऐसी पारियों के लिए जाने जाते हैं। मुंबई के पृथ्वी शॉ ने इससे पहले फरवरी 2021 में विजय हजारे ट्रॉफी में पुडुचेरी के खिलाफ नाबाद 227 रन की पारी खेली थी, जो उनका पहला लिस्ट ए दोहरा शतक था। इससे पहले शॉ ने असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी खेल में 379 रनों की विशाल पारी खेली थी। घेरलू क्रिकेट के अपने करियर में शॉ ऐसी कई सारी पारियां खेल चुके हैं।
इन वजह से तबाह हुआ करियर
पृथ्वी शॉ टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाजों में से एक माने जाते है। लेकिन उनका खराब स्वभाव और फिटनेस हमेशा उनके आड़े आ जाती है। यही वजह है कि उनकी टीम इंडिया (Team India) में जगह नहीं बन पा रही है। हाल ही में उन्हें फिटनेस के चलते मुंबई की रणजी टीम से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। जिसके बाद काफी विवाद भी खड़ा हुआ था। शॉ का नाम क्रिकेट ग्राउंड से बाहर भी कई बार कॉन्ट्रोवर्सी और विवादों से जुड़ा रहा है और यही वजह रही है कि प्रतिभाशाली होने के बाद भी उन्हें भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा हैं।