महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। उन्होंने अपने करियर में कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए, जिसे तोड़ना तो छोड़िए, उन्हें तोड़ने के बारे में कई खिलाड़ी सोच भी नहीं सकते। युवा से लेकर सीनियर सभी उम्र के लोग सचिन का सम्मान करते हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए जो किया है, वह आज तक अन्य कोई नहीं कर पाया है। सचिन की सेवा के लिए वर्ष 2014 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से नवाजा था, जो देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।
मगर अब सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपनी एक हरकत से वर्षों की कड़ी तपस्या से कमाई इस सम्मान पर प्रतिष्ठा को धुल में मिटा दिया है। यहां तक की अब उन्हें भारत रत्न तक लौटना पड़ सकता है। आइए आपको बताते हैं कि सचिन ने ऐसा क्या किया है, जिससे उनको मिलने वाला सम्मान समाप्त हो रहा है।
सचिन की इस हरकत से खफा हैं लोग
दरअसल, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) जैसी सम्मानजनक हस्ती के द्वारा ऑनलाइन गेमिंग को प्रमोट करना लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। इसी सिलसिले में मुंबई के बांद्रा इलाके में सचिन के घर के बाहर विधायक बच्चू कडू (Bachchu Kadu) और उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया है। इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सचिन को ऑनलाइन गेमिंग जैसे लत लगने वाले प्लेटफार्म से दूर रहने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए, लेकिन वे खुद इसे प्रमोट कर रहे हैं। इससे पहले बच्चू कडू और उनके साथी ने सचिन को ऑनलाइन गेमिंग के प्रमोट करने के लिए कानूनी कार्यवाही करने की भी धमकी दी थी।
फैंटसी ऐप के ब्रांड एम्बेसडर हैं सचिन
आपको बता दें कि सचिन पेटीएम फर्स्ट गेम के विज्ञापन में आते हैं, जो एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप है। इसमें लोग तरह – तरह के ऑनलाइन गेम खेलकर पैसा जीता सकते हैं। यह एक फैंटसी गेमिंग ऐप है। सचिन 2020 में बतौर ब्रैंड एम्बेसडर पेटीएम फर्स्ट गेम से जुड़े थे। इस प्लेटफॉर्म पर केवल क्रिकेट ही नहीं, बल्कि रमी सहित कई तरह के गेम्स उपलब्ध हैं, जिस पर लोग बेट लगा सकते हैं।
‘सचिन को भारत रत्न लौटा देना चाहिए’
बच्चू कडू का कहना है कि भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति के लिए इस तरह के ऐड करना अशोभनीय है। सचिन को या तो इन एड को करना बंद करना होगा या फिर भारत रत्न लौटना होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा,
“हमने भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से बार-बार पेटीएम फर्स्ट गैम्बलिंग विज्ञापनों को बंद करने का अनुरोध किया, लेकिन इसका उन पर कोई असर नहीं हुआ। हम तेंदुलकर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एक भारत रत्न व्यक्ति के लिए यह अशोभनीय है। सचिन को या तो विज्ञापन बंद कर देना चाहिए या फिर भारत रत्न लौटा देना चाहिए।”
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