बिकरू कांड अपराधी विपुल था पढ़ाई में सबसे तेज, आइटीबीपी में हुआ था चयन इस वजह से नहीं पहन सका वर्दी

बिकरू कांड में निकला विकास दुबे का नाम तो आप सभी लोगों को अभी तक याद होगा. वैसे तो उस से जुड़े सारे साथी गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन विकास दुबे का एक साथी विपुल दुबे की गिरफ्तारी पूरे शासन पर एक प्रश्नचिन्ह  बनी हुई थी. बीते 2 दिन पूर्व पुलिस ने एक प्रश्न चिन्ह को हमेशा के लिए खत्म कर दिया और विपुल दुबे की गिरफ्तारी हो गई.

इसके पहले  स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) विपुल के दो मामा को हिरासत में लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी, लेकिन एसटीएफ पर सजेती थाना के कुआंखेड़ा चौकी इंचार्ज रवि दीक्षित की सटीक मुखबिर भारी पड़ी और 50 हजार के इनामी विपुल पकड़ा गया.

ग्रामीण एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने इस बात की पुष्टि की है कि विपुल को पकड़ने की इनामी रकम उस को गिरफ्तार करने वाली पुलिस की पूरी टीम को दी जाएगी. आइए जानते हैं विपुल के बीते समय के बारे में….

चूड़ी के कारखाने में किया काम

बिकरू कांड अपराधी विपुल था पढ़ाई में सबसे तेज, आइटीबीपी में हुआ था चयन इस वजह से नहीं पहन सका वर्दी

विपुल ने पुलिस को पूछताछ के दौरान  बताया कि वर्षों से वह मां व बहन के साथ गांव बैरी स्थित ननिहाल में रहकर पढ़ाई करता था. चचेरे भाई अमर दुबे की शादी में वह बिकरू गया था. दो जुलाई को गोलीबारी के बाद वह खेतों से 40 किमी दौड़ते हुए औरैया पहुंचा था. उस समय उसके पास साढ़े पांच हजार रुपये थे.

दिल्ली, अलीगढ़, हाथरस, बुलंदशहर समेत कई जिलों के गांवों में लगने वाले मेलों व बाजारों में खिलौने व गुब्बारे बेचते हुए फरारी के छह महीने काटे. फीरोजाबाद में चूड़ी के कारखाने में काम किया. ग्रेजुएशन साइंस साइड से करने के बावजूद विपुल ने अपने पास फोन नहीं रखा था, जिसके कारण पुलिस विपुल को ट्रैक नहीं कर पा रही थी. आधार कार्ड न होने के चलते उसे रहने के लिए कमरा भी नही मिल सका.उसने पूरी फरारी रेलवे व बस स्टेशन में सोकर गुजारी.

पॉलिटेक्निक में 204वी रैंक

बिकरू कांड अपराधी विपुल था पढ़ाई में सबसे तेज, आइटीबीपी में हुआ था चयन इस वजह से नहीं पहन सका वर्दी

विपुल का दिमाग पढ़ने में बहुत तेज था. साल 2019 की पॉलिटेक्निक परीक्षा में उसने पूरे प्रदेश में 204वी रैंक हासिल की थी. पॉलिटेक्निक में प्रवेश लेने के बाद उसका आइटीबीपी में भी सलेक्शन हो गया था. विपुल ने बताया कि ट्रेनिंग के लिए उसे जून 2020 में रवाना होना था, लेकिन कोरोना के चलते उसके बैच की ट्रेनिंग रोक दी गई थी. अब 20 जनवरी को उसका बैच ट्रेनिंग के लिए जा रहा है, लेकिन बिकरू कांड में फंसने के चलते वर्दी का सपना अधूरा रह गया.

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...