बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां बीजेपी और जेडीयू ने सीट बंटवारे के साथ एनडीए से अलग होने वाले चिराग पासवान को भी दो टूक संदेश देने का काम किया है. जिसे लेकर बीजेपी ने एलजेपी को सख्त लहजे में कह दिया है कि बिहार चुनाव में वो न तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नाम का इस्तेमाल करें और न ही प्रचार के बैनर–पोस्टरों में उनकी फोटो लगाएं. वहीं, एनडीए से अलग होकर चिराग बिहार की सियासत में जो रोशनी बिखेरना चाहते थे, उसे नीतीश कुमार ने आक झटके में खत्म कर दिया.
चिराग पासवान को मंहगी पड़ी दो नाव पर सवारी
बता दें कि एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर चुनावी घोषणा कर बिहार में दो नाव पर सवारी करना चाहते थे. एलजेपी बिहार में जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारने और दूसरी तरफ बीजेपी का समर्थन कर यह दिखाना चाहती थी कि उसकी सियासी लड़ाई नीतीश कुमार से है न कि बीजेपी से. इस तरह जेडीयू वाली सीटों पर बीजेपी के वोटों को एलजेपी कैश कराना चाहती थी.
हालाकि बीजेपी ने साफ तौर पर कह दिया है कि उसका गठबंधन जेडीयू के साथ है और एनडीए में वही रहेगा जो नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करेगा. बिहार में सिर्फ चार दलों का गठबंधन है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने चिराग पासवान को साफ संदेश देते हुए कहा है कि अगर वह नीतीश कुमार का नेतृत्व नहीं स्वीकार करते तो उन्हें एनडीए से भी हटना पड़ेगा. जिस वजह से चिराग बिहार में खुद को एनडीए का हिस्सा नहीं बता पाएंगे.
मोदी के नाम के नही करेंगे इस्तेमाल चिराग
बिहार की सियासी जंग में चिराग पासवान मोदी के नाम और काम से जीत हासिल करना चाहते थे. सुशील मोदी और संजय जायसवाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम चुनाव आयोग भी जाएंगे और बिहार में एनडीए में शामिल जो पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही हैं उसके अलावा कोई और पीएम मोदी के नाम का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. एक तरह से साफ है कि नरेंद्र मोदी के नाम पर एलजेपी वोट नहीं मांग पाएगी.
सीट शेयरिंग में चिराग का हाथ खाली
एनडीए में सीट का बंटवारा हो गया है. बीजेपी 121 और जेडीयू 122 सीटें मिली है. जेडीयू अपने कोटे से जीतनराम मांझी के सात सीटें दे रही है जबकि बीजेपी मुकेश साहनी की वीआईपी को सीटें देगी. वहीं, पहले माना जा रहा था कि एलजेपी भले ही एनडीए से अलग हो गई हो, लेकिन बीजेपी अपने कोटे से कुछ सीटें दे सकती है. हालांकि, मंगलवार को बीजेपी ने साफ कर दिया है कि एलजेपी को अब अकेले ही चुनावी मैदान में उतरना होगा.
चिराग पासवान पर नीतीश ने जताया एहसान
एलजेपी के जेडीयू के खिलाफ चुनावी रण में उतरने के फैसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को चिराग पासवान पर जमकर निशाना साधा है. नीतीश कुमार ने कहा के अध्यक्ष चिराग पासवान पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से हमारा बहुत पुराना लगाव है. साथ ही यह भी कहा कि रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचे हैं, तो क्या वो बिना जदयू की मदद के पहुंचे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि एलजेपी बताए, पार्टी को बिहार विधानसभा में कितनी सीटें मिली है. जब विधानसभा में उन्हें दो सीटें ही मिली हैं, ऐसे में जेडीयू और बीजेपी ने ही रामविलास पासवान को टिकट देकर राज्यसभा पहुंचाया. इस तरह से नीतीश ने पासवान को राज्यसभा भेजने को लेकर एहसान भी याद दिला दिया है.
बीजेपी नीतीश कुमार को बनाएगी मुख्यमंत्री
चिराग पासवान लगातार यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव के बाद बीजेपी और एलजेपी मिलकर सरकार बनाने का काम करेगी. ऐसे में कन्फ्यूजन हो रहा था कि चुनाव बाद ज्यादा सीटें आने पर क्या बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाएगी या खुद दावा करेगी. इस पर उपमुख्यमंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने साफ कर दिया कि नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री का चेहरा हैं.वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने दो टूक अंदाज में कहा कि जो बिहार में नीतीश कुमार को सीएम नहीं मानेगा वह एनडीए का हिस्सा नहीं होगा. नीतीश कमार के नेतृत्व वाले एनडीए से एलजेपी के अलग होने का ठीकरा बीजेपी ने चिराग पासवान पर फोड़ दिया है. सुशील मोदी ने साफ तौर पर कहा कि रामविलास पासवान केंद्र में मंत्री हैं. वह अभी बीमार हैं, जिसके चलते यह दिन देखना पड़ रहा है. वह स्वस्थ होते तो ऐसा समय नहीं देखना पड़ता. एक तरह से साफ है कि रामविलास पासवान अगर ठीक होते तो एनडीए से एलजेपी न अलग होती यानी एक तरह गठबंधन होने के लिए चिराग पासवान ही जिम्मेदार हैं.