Boy leaves home to become sadhu: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक 13 वर्षीय बालक साधु बनने की ज़िद में घर छोड़कर (Boy leaves home to become sadhu) वाराणसी पहुंच गया।
अमन दुबे नाम का यह लड़का वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से इतना प्रभावित हुआ कि उसने संन्यासी बनने का फैसला कर लिया और चुपचाप घर से निकल पड़ा।
स्कूल जाने के बहाने वाराणसी पहुंचा बालक
आपको बता दें, यह घटना 1 अगस्त की है, अमन सुबह स्कूल जाने के बहाने निकला लेकिन शाम तक घर (Boy leaves home to become sadhu) नहीं लौटा। परिजनों ने पहले खुद उसे खोजा, लेकिन जब कुछ पता नहीं चला तो गुमशुदगी की शिकायत थाने में दर्ज करवाई।
इसके बाद पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू की। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिससे पता चला कि अमन दोहरीघाट रेलवे स्टेशन पर दिखा और वाराणसी की ओर जाती ट्रेन में सवार हुआ था।
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संत प्रेमानंद महाराज जैसा बनना चाहता हूं
पुलिस और जीआरपी की मदद से बच्चे की तलाश तेज़ की गई। आखिरकार अमन वाराणसी के काशी घाट के पास बैठा मिला। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने कहा “मैं संत प्रेमानंद महाराज (Boy leaves home to become sadhu) जैसा बनना चाहता हूँ। मैं सिर्फ प्रभु की सेवा करना चाहता हूँ। मैं साधु बनना चाहता हूँ।” अमन ने बताया कि वह सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी के प्रवचन सुनता था और उन्हीं से प्रेरित होकर यह कदम उठाया।
पुलिस ने अमन को बाल कल्याण समिति के जरिए चाइल्डलाइन को सौंपा, जहाँ से उसे उसके माता-पिता को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अमन पूरी तरह सुरक्षित है और मानसिक रूप से भी स्थिर है।
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया पर आध्यात्मिक या धार्मिक कंटेंट बच्चों को किस हद तक प्रभावित कर सकता है। 13 साल की उम्र में ऐसे निर्णय लेना यह दर्शाता है कि बच्चों की सोच कितनी गहराई तक जा सकती है। माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के साथ लगातार संवाद बनाए रखना चाहिए, ताकि वे किसी भी बड़े कदम से पहले सही दिशा में सोच सकें।
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