आजकल बहुत ही कम लोग ऐसे देखने को मिलते हैं, जो अपने करियर और नौकरी को छोड़कर औरों के लिए भी रोजगार के नए अवसर का सृजन करने के लिए उद्यमिता की ओर कदम बढ़ाने का रिस्क ले. आज हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनके पास चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री थी और साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने करियर को छोड़कर व्यापार में कदम जमाने का निर्णय लिया.
अपनी पढ़ाई और करियर को छोड़कर बीच में व्यापार शुरू करना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन फिर भी अहमदाबाद के सीए विनय जैन ने जीवन में कुछ बड़ा करने का संकल्प ले लिया. अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर आज वह एक सफल उद्यमी के रूप में सामने आए हैं. इसके अलावा उन्होंने कई लोगों को रोजगार के मौके भी दिए.
विनय जैन बचपन से ही एक बहुत प्रतिभावान छात्र थे. इसके अलावा खेलों में भी वह अच्छा खासा प्रदर्शन करते थे. प्रारंभिक शिक्षा के बाद विनय ने सीए की पढ़ाई पूरी की जो कि पूरे देश में सबसे चुनौतीपूर्ण शैक्षिक योग्यता मानी जाती है. सीए की पूरी पढ़ाई करने के बाद विनय ने यूपीएससी की तैयारी भी की. विनय के पिता दवाई खरीदने बेचने का काम करते हैं.
खुद का व्यापार शुरू करना चाहते थे विनय
यूपीएससी की तैयारी के दौरान विनय दिल्ली आ गए और उन्होंने चुनौती पूर्ण प्रतियोगिता की परीक्षा को क्रय करने का फैसला किया. यूपीएससी के प्रयास में वह सफल नहीं हो सके लेकिन साल 2014 में उन्होंने एक मुश्किल विकल्प को चुना. विनय ने निश्चय कर लिया था कि अब उन्हें स्वयं का व्यवसाय शुरू करना है. विनय प्रोडक्ट से संबंधित व्यवसाय करने के इच्छुक थे, लेकिन खुद का व्यवसाय शुरू करने से पहले वह उस पर शोध करना चाहते थे.
गहन अध्ययन करने के बाद शुरू की कंपनी
साल 2014 मई से लेकर के अप्रैल 2015 तक विनय ने व्यापार के लिए संभावित वस्तुओं का पता लगाया और पूरे भारत की यात्रा की. फरवरी 2015 में अपने कंपनी शुरू करने की औपचारिकता भी विनय ने पूरी कर ली थी, इसका नाम उन्होंने ‘कोरे इंटरनेशनल’ रखा. विषय पर काफी अध्ययन करने के बाद विनय ने तय कर लिया कि , वह उच्च गुणवत्ता वाले मसालों का व्यापार करेंगे. विनय जैन के लिए मसाले उद्योग एक नया क्षेत्र था, इसलिए उन्होंने कुछ समय कारोबार से संबंधित चीजों को समझने के लिए प्रवीणता भी हासिल कर ली. व्यापार में आगे बढ़ने से पहले उन्होंने विभिन्न खरीदारों और विक्रेताओं से संबंध स्थापित किए. विनय ने बताया कि, ” शुरुआत में मुझे मसाले का कोई भी ज्ञान नहीं था, लेकिन अब 90% मुझे मसालों के बारे में पूरी जानकारी है”.
व्यापार में सफलता हासिल करने के लिए संचार कौशल और गुणवत्ता आवश्यक
7 महीने का वक्त बीत जाने के बाद विनय को अपना पहला आर्डर हासिल हुआ जो कि ₹64 लाख का था. धीरे-धीरे उनके व्यवसाय की यात्रा पर्याप्त अनुसंधान के साथ शुरू हुई और सफलता हासिल होने लगी. वस्तुओं का आयात करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विनय ग्राहक बनाने में कामयाब हुए. विनय जैन ने एक बार काजू का आयात कर एक भारतीय खरीदार को बेचा था. उस खरीददार ने सौदों के भुगतान के पैसे देने में काफी लंबा समय ले लिया. इस दौरान विनय ने अपने पैसे के लिए लड़ने की बजाय खरीददार के लिए भुगतान को योजनाबद्ध किया और आज वही खरीददार विनय के प्रमुख ग्राहकों में से एक बन गए हैं.
विनय जैन के मुताबिक व्यापार की सफलता प्राप्त करने के लिए 60 फ़ीसदी योगदान संचार कौशल का ही होता है. व्यवसाय में यदि उत्कृष्टता हासिल करनी है, तो संचार कौशल हासिल करना बहुत आवश्यक है. इसके अलावा दूसरी महत्वपूर्ण चीज है गुणवत्ता! कमोडिटी बाजार में उतार-चढ़ाव ने उन्हें नुकसान तो पहुंचाया था, लेकिन उन्होंने कभी भी वस्तुओं की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया. इसके अलावा बिना के पिता ने भी उनकी काफी मदद की.
100 करोड़ का टर्नओवर होने की योजना
व्यवसाय क्षमता का अध्ययन करने के लिए विनय जैन अब तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों की यात्रा कर चुके हैं. उन्होंने अब तक 19 से अधिक देशों की यात्रा की. यूरोप, दक्षिण अमेरिका, ईरान , दुबई में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में भी वह भाग लेते हैं. कंपनी कोरे एग्रो के पेरू और चीन में अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय भी हैं, जो साल 2019 और साल 2020 में खोले गए हैं. कोरे एग्रो को भारत सरकार द्वारा एक स्टार एक्सपोर्ट हाउस के रूप में मान्यता भी प्राप्त हुई है. बिना जान की कंपनी अब एक बड़े एक्सपोर्ट हाउस में विकसित हो गई है. वित्त वर्ष 2019-20 में कोरे एग्रो ने 80 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है. कोरोना वायरस से निपटने के बाद अब उत्पाद रेंज और बड़ा होगा, जिसके बाद 100 करोड़ का टर्नओवर होने की योजना बनाई है.
सीए और यूपीएससी की तैयारी करने के बावजूद विनय जैन ने व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई और आज वह पूरे देश में उदाहरण बन गए हैं. विनय ने उदाहरण दिया है- कि हमें किसी भी काम के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. गहन अध्ययन करना चाहिए कि, हमें वास्तव में किस चीज में ज्यादा रुचि हैं .