अमेरिका को खुलेआम युद्ध की चुनौती देने वाले चीन का साहस इस कदर तक बड़ सकता है. इसका तो अमेरिका ने कभी अंंदाजा भी नही लगाया होगा. दरअसल चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में चीन को सुपरपावर बताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर युद्ध छिड़ा तो उसमें अमेरिका की निश्चित हार ही होगी.
आपको बता दें कि, ग्लोबल टाइम्स का ये अखबार चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का एक तरह से ऐलाननामा माना जाता है. इसका मतलब इस अखबार में जो लिख गया उसको टाला नहीं जा सकता है. इस लिहाज़ से अब यही माना जा रहा है कि जल्द ही अमेरिका और चीन के बीच एक महायुद्ध छिड़ सकता है. तो आईए इस पूरे मामले पर डिटेल में नज़र डालते हैं.
जानिए पूरा मामला:
दरअसल ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब अमेरिका ने जपान,ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के सैन्य अभ्यास में शामिल होने का फैसला किया था. जिस पर चीन ने बीते गुरूवार को अपने इरादे साफ करते हुए कह दिया था कि दक्षिणी जापान में हो रहे इस सैन्य अभ्यास से उसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि यह सैन्य अभ्यास सिर्फ तेल ईंधन की बर्बादी है.
इतना ही नहीं चीन तो पूरे दक्षिण चीन सागर को अपनी संपत्ति बता रहा है. जिसमें ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ताइवान के दावे को नकारते हुए ताइवान को अपना ही हिस्सा बता रहा है.
वहीं जापान के हिस्से के समुद्र को भी पूर्वी चीन सागर बताते हुए चीन उस पर भी अपना अधिकार जताना चाह रहा है, जिस पर ग्लोबल टाइम्स लिखता है कि दक्षिण चीन सागर को लेकर अगर अमेरिका के साथ युद्ध छिड़ा तो उसमें अमेरिका की हार होगी.
अमेरिकी विशेषज्ञ एलेक्स मिहाइलोविच इस संपादकीय को चीन की बेचैनी का सुबूत मानते हैं जो क्षेत्र में बढ़ती अमेरिका की ताकत को लेकर चिंतित है क्षेत्र में अमेरिका की लगातार सक्रियता और इस बड़े सैन्य अभ्यास से चीन बौखला गया है. जबकि ब्रिटेन के पूर्व सांसद जॉर्ज गैलोवे कहते हैं कि अमेरिका की क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता से चीन अपनी सैन्य तैयारी तेज करेगा और दोनों देशों में टकराव की आशंका बढ़ती नज़र आ रही है.
इसके अलावा ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट एक्सप्रेस डॉट सीओ डॉट यूके (Express.co.uk.) के अनुसार इसी सप्ताह की शुरुआत में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने मरीन कमांडो की ट्रेनिंग का एक वीडियो शेयर किया था. इसमें वे एक द्वीप पर हमला करते दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि इसके जरिये चीन ताइवान को धमकाने का प्रयास कर रहा है साथ ही वह अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाने का संदेश भी दे रहा है.