18 लड़ाकू विमानों के साथ ताइवान में घूसा चीन, अमेरिका को दी ये धमकी

अमेरिका और ताईवान के संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन अपनी  पूरी कोशिशों में जुटी हुई है। इसी बीच उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ में विचार विमर्श करा और उनके साथ डिनर भी किया। वर्तमान समय में अमेरिका का प्रतिनिधिमंडल ताइवान में ही है। इसी बीच चीन ने अपने को अहम दिखाने के लिए ताइवान पर से लड़ाकू विमान से उड़ान भरी। बताया जा रहा है कि लड़ाकू विमान की संख्या 18 थी, जिनमे से 2 विमान बम वर्षक विमान थे।

ताइवान  के विमान इन चीनी विमानों को हराने में समर्थ ना हो पाए। अपनी सुरक्षा को मुख्य बताते हुए चीन ने इसे आत्मसुरक्षा बोला है इसके साथ में बाहरी देशों को इसमें हस्तक्षेप ना करने की बात भी कही है। वहीं ताइवान ने इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताया है।

चीन के विरोध में अमेरिका औऱ ताइवान ने अपने इलाके में अधिक लड़ाकू विमान भेज सुरक्षा बढ़ा दी है। इसी के साथ वहां की निगरानी और भी टाइट कर दी  है।

तीन दिन के दौरे पर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल

18 लड़ाकू विमानों के साथ ताइवान में घूसा चीन, अमेरिका को दी ये धमकी

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कीथ क्रैच इस समय ताइवान के तीन तीन के दौरे पर हैं ।ऐसा चार दशक बाद हुआ है कि किसी शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने इतने समय बाद दौरा किया है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने उनके सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया।

साई इंग-वेन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ताइवान और अमेरिका इस इलाके में शांति, स्थायित्व, विकास की दिशा में साथ काम करेंगे ताकि पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर इसका सकारात्मक असर पड़े।

ताइवान और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड डील

18 लड़ाकू विमानों के साथ ताइवान में घूसा चीन, अमेरिका को दी ये धमकी

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने बताया कि वे अपने आर्थिक सहयोग अमेरिका के साथ लगातार बढ़ा रहा है। दोनों देश इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने दोनों ही देशों के फायदे की बात को लेकर कहा कि ताइवान और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड डील को लेकर भी बातचीत चल रही है।

ताइवान की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग ने अमेरिका में बड़ा निवेश किया है। कंपनी अमेरिका के एरिजोना में 12 बिलियन डॉलर की लागत से फैक्ट्री लगा रही है। इसे डोनाल्ड ट्रंप की उस मुहिम के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें अमेरिका ग्लोबल सप्लाई चेन से चीन को बाहर रखने की कोशिश कर रहा है।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

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