Vinod Kambli: भारतीय क्रिकेट में विनोद कांबली (Vinod Kambli) का नाम अक्सर उनकी शराब की लत के चलते सुर्खियों में रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनसे भी बड़ा शराबी एक और भारतीय क्रिकेटर था? शराब के लिए उसका जुनून इस कदर था कि उसने खुद एक खास तरह का पैग इजाद कर डाला। हद तो तब हो गई जब यही लत उसकी जान की वजह बन गई। वो शराब की लत से खुद को नहीं बचा सका और लीवर फेल होने से उसकी मौत हो गई।
Vinod Kambli से भी बड़े दारूबाज थे ये भारतीय क्रिकेटर
दरअसल हम बात कर रहें पटियाला राजघराने के महाराजा भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) की, जिनका नाम भारतीय क्रिकेट इतिहास में खास दर्ज है। शराब के मामले में भूपेंद्र सिंह विनोट कांबली (Vinod Kambli) से कहीं बढ़कर थे।
भारत की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने वाले पहले शाही शख्सियतों में से एक थे। 1891 में जन्मे महाराजा ने 1900 में महज 9 साल की उम्र में पटियाला की गद्दी संभाली थी और 1938 तक राजा रहे। क्रिकेट के प्रति उनका लगाव बहुत था, लेकिन शराब के प्रति उनका जुनून उससे कहीं ज़्यादा।
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शाही अंदाज़ और बेतहाशा शराबखोरी
पटियाला राजघराने के महाराजा भूपेंद्र सिंह, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के दादा थे, भारत की प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम से खेल चुके थे। शराब से उनका लगाव इतना अधिक था कि उन्होंने ‘पटियाला पैग’ का ही आविष्कार कर डाला।
ब्रिटिश टीम को हराने के लिए उन्होंने उन्हें 120 एमएल का पैग पिलाया, जो बाद में ‘पटियाला पैग’ के नाम से मशहूर हुआ। इस भारी पैग का असर इतना था कि अगली सुबह ब्रिटिश खिलाड़ी मैदान में ढंग से खड़े भी नहीं हो पाए।
महाराजा भूपेंद्र सिंह की शराब की लत इतनी गंभीर थी कि इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ा। 1938 में महज 52 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई, जिसकी वजह लीवर फेल होना बताई जाती है। भले ही वे शाही खानदान से थे, लेकिन आदतों ने उन्हें जल्दी खत्म कर दिया।
कांबली की लत ने भी किया करियर बर्बाद
विनोद कांबली (Vinod Kambli), जिनकी गिनती एक समय भारत के सबसे प्रतिभाशाली बल्लेबाजों में होती थी, शराब की लत के चलते अपना करियर नहीं संभाल पाए। उनकी यह आदत इस हद तक बढ़ गई थी कि उन्हें अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ा।
विनोद कांबली (Vinod Kambli) की निजी ज़िंदगी भी नशे से बुरी तरह प्रभावित हुई और दो पत्नियां भी उन्हें छोड़ कर चली गईं। कांबली की शराबखोरी की वजह से उनके सबसे करीबी दोस्त सचिन तेंदुलकर ने भी उनसे दूरी बना ली थी।
क्रिकेट के जानकार मानते हैं कि अगर कांबली अपनी आदतों पर नियंत्रण रखते, तो उनका करियर कहीं ज़्यादा लंबा और सफल हो सकता था। उनका किस्सा बताता है कि आदतें चाहे आम हों या शाही, अंजाम एक जैसा ही हो सकता है।
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