CSK: चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की टीम को एक बड़ा झटका लगा है। टीम के लिए हरफनमौला प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को IPL से पूरे एक साल के लिए बैन कर दिया गया है। ये फैसला लीग की गवर्निंग काउंसिल ने नियमों के उल्लंघन के चलते लिया है। इस खिलाड़ी का न केवल गेंद और बल्ले से योगदान शानदार रहा है, बल्कि फील्डिंग में भी ये टीम की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। अब बैन के बाद चेन्नई सुपर किंग्स को उनकी जगह नया विकल्प ढूंढना होगा।
CSK खिलाड़ी ने कॉन्ट्रैक्ट नियम तोड़े
हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि सीएसके (CSK) के हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा हैं, लेकिन जरा रुकिये चौंकिये मत, यह घटना 2010 की है। दरअसल 2010 में जडेजा ने प्लेयर कॉन्ट्रैक्ट गाइडलाइंस का उल्लंघन किया था, जिसके बाद बैन लगा था।
दरअसल, 2010 में सीएसके (CSK) के रवींद्र जडेजा ने उस समय की उनकी तत्कालिन टीम राजस्थान को सूचित किए बिना मुंबई इंडियंस से जुड़ने की बातचीत शुरू कर दी थी। वो भी उस वक्त जब IPL ऑक्शन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी। उस समय उन्हें पूरे 2010 सीज़न के लिए सस्पेंड कर दिया।
राजस्थान रॉयल्स से शुरुआत, फिर CSK में नई पहचान
सीएसके (CSK) की रीढ़ बन चुके रवींद्र जडेजा ने 2008 में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। 2009 में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा, जिसके बाद कई फ्रेंचाइज़ियां उन्हें खरीदना चाहती थीं।
2010 में जब उन्होंने MI से संपर्क किया, तो मामला विवादों में आ गया और BCCI को दखल देना पड़ा। बैन के बाद 2011 में उन्होंने IPL में वापसी की, लेकिन सीएसके (CSK) ने उन्हें 2012 में $2 मिलियन में खरीदा। इसके बाद जडेजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अगर मुंबई इंडियंस चले जाते तो…?
अगर वो 2010 में मुंबई इंडियंस में चले जाते, तो शायद IPL की तस्वीर ही कुछ और होती। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में MI का संतुलन और भी मज़बूत हो सकता था। लेकिन किस्मत ने उन्हें CSK से जोड़ दिया, जहां उन्होंने खुद को सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर्स में शामिल कर लिया।
IPL इतिहास में ये पहला बड़ा मामला था जब किसी उभरते सितारे को नियम तोड़ने पर पूरे टूर्नामेंट से बाहर किया गया। इस फैसले ने बाकी खिलाड़ियों को भी एक कड़ा संदेश दिया था। बोर्ड ने साफ किया कि नियम सबके लिए बराबर हैं, चाहे खिलाड़ी कितना भी बड़ा क्यों न हो।