नौकरों को मिलती है लाखों की सैलरी फिर भी अपने कमरे की सफाई खुद करते हैं अंबानी के बच्चे, जानिए वजह

मुकेश अंबानी देश के सबसे सफल उद्योगपति तो हैं ही, लेकिन अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में पत्नी नीता अंबानी के लिए एक सबसे योग्य पति और अपने बच्चों के लिए एक परिपूर्ण पिता हैं। मुकेश और नीता ने अपने तीनों बच्चों की शिक्षा और संस्कार में उस हर बात का खयाल तो रखते हैं जो उन्हें योग्य बनाने के साथ ही अच्छा इंसान भी बनाए। उनकी पत्नी नीता अंबानी ने अपने बच्चों की परवरिश कुछ इस तरह की कि ह र मां सुन कर हैरान रह जाएगी। दुनिया के दिग्गज रईसों की लिस्ट में शुमार मुकेश अंबानी अपने बच्चों को स्कूल महंगी कारों से नहीं, बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पढ़ने के लिए भेजते थे। धनी व्यक्ति के बच्चों की ऐसी परवरिश भी होती है, जिसके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।

अनुशासन का सिखाया सही पाठ

नौकरों को मिलती है लाखों की सैलरी फिर भी अपने कमरे की सफाई खुद करते हैं अंबानी के बच्चे, जानिए वजह
अमीर होने के बावजूद मुकेश और नीता ने कभी अपने बच्चों को लग्ज़री ऐशों आराम नहीं दिए। नौकरों को झोली भर के पगार देने के बावजूद भी घर के तीनों बच्चों को अपना कमरा खुद ही साफ करना पड़ता था।नीता ने एक बार अपने जीवन का एक किस्सा बताया था कि नीता अंबानी अपने बच्चों आकाश, अनंत और बेटी ईशा को जब स्कूल भेजती थीं तो उन्हें जेब खर्च के लिए इतने कम पैसे देती थीं कि क्लासमेट उनका खूब मजाक उड़ाते थे। एक दिन मुकेश के छोटे बेटे अनंत के हाथ में पॉकेट खर्च के लिए कम पैसे देखकर उसका एक क्लामेट बोला, ‘तू अंबानी है या भिखारी…।’ अनंत ने जब घर आकर अपनी मां नीता और पिता मुकेश को यह बताया तो उसे समझाने के लिए उनके पास भी कोई तर्क नहीं था।

बच्चे रहे डाउन-टू-अर्थ

नौकरों को मिलती है लाखों की सैलरी फिर भी अपने कमरे की सफाई खुद करते हैं अंबानी के बच्चे, जानिए वजह

सबसे धनी उद्योगपति की पत्नी होने के बावजूद नीता अंबानी हमेशा इस बात का खयाल रखती हैं कि बच्चे डाउन-टू-अर्थ रहें। नीता स्वयं मुंबई की एक मिडिल क्लास फैमिली में पली-बढ़ी हैं। उनका पालन-पोषण एक अनुशासित परिवार में हुआ। उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत भी बहुत कम मिलती थी। स्कूल-कॉलेज जाने के लिए वे बेस्ट की बसों का सहारा लेती थीं।नीता अंबानी शुरू से ही टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन जब मुकेश अंबानी से शादी हो गई तो वह अपने बच्चों का होम वर्क स्वयं करवाती थीं। वे हमेशा इसी कोशिश में रहती हैं कि उनके बच्चों में ऐसे संस्कार हों कि वे हमेशा दौलत के नशे से दूर रहें। नीता अंबानी अपने बच्चों आकाश, अनंत और ईशा को महंगी लग्जरी कारों के बजाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भेजती थीं, ताकि बच्चे इस दौरान होने वाली कठिनाइयों और परेशानी के साथ ही एक आम आदमी की जिंदगी को नजदीक से समझ सकें।मुकेश और नीता ने अपने बच्चों के पालन-पोषण करने के दौरान उन्हें यह सिखाया है कि वे लोगों का सम्मान कर सकें। नैतिक मूल्यों और पैसे का सम्मान कर सकें। नीता अपने बच्चों को स्कूल जाने के दौरान उन्हें पॉकेट खर्च के लिए सिर्फ 5-5 रुपए देती थीं।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...