कोरोना महामारी का डर पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैला हुआ है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि, क्या नोटों से भी यह महामारी बढ़ेगी? इस सवाल की पुष्टि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कर दी है. आरबीआई ने इसका जवाब दिया कि, ” यह खतरनाक वायरस नोटों से भी फैल सकता है. इतना ही नहीं नोटों का लेन-देन करने से यह वायरस आपके शरीर के अंदर भी जा सकता है”.
इंडस्ट्री बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि, ”पैसों के लेनदेन से कोरोना वायरस अधिक फैलता है”. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन्होंने इस बात की सलाह मांगी थी कि, क्या करेंसी नोट से भी यह वायरस ग्राहकों तक पहुंच जाएगा? इस बात का जवाब उन्हें ईमेल के जरिए दिया गया.

आरबीआई ने 3 अक्टूबर को बताया कि, ”यह बैक्टीरिया और वायरस के वाहक होते हैं, जिसमें यह खतरनाक वायरस शामिल है. इससे बचने का एकमात्र उपाय यही है कि, हम ज्यादा से ज्यादा डिजिटल भुगतान करें. यह भुगतान आप क्रेडिट, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल के जरिए भी कर सकते हैं. इससे कोरोना वायरस से बचने में आसानी रहेगी और यह ज्यादा नहीं फैलेगा”.
डिजिटल भुगतान ज्यादा से ज्यादा करने पर इंटेंसिव देने की योजना
CAIT द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह भी अपील की गई है कि, ”डिजिटल भुगतान को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के लिए इंटेंसिव देने की योजना शुरू कर दी जाए, और इस पर जो भी शुल्क लगता है, उसको माफ कर दिया जाए”. उन्होंने कहा कि, ”सरकार को बैंक सुनकर के बदले में सब्सिडी भी दी जाए, इससे सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और नोटों की छपाई भी कम करवाई जाए”. इस तरह से कोरोना वायरस को फैलने से हम आसानी से रोक सकते हैं.
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष B C भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया है कि, ”यदि हम डिजिटल भुगतान ज्यादा से ज्यादा करते हैं तो यह वायरस नोटों के जरिए हम तक नहीं पहुंचेगा”.
