परिजन बोले- बिना टेंडर काम और पेमेंट का बनाया जाता था दबाव, पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ 
उत्तर प्रदेश के बलिया में महिला पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय की आत्महत्या के बाद मिले सुसाइड नोट के आधार पर जाँच दोषी पाए गए कई लोगों पर कार्यवाही की गई है. सुसाइड नोट के आधार पर  मनियर के बीजेपी नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता, सिकंदरपुर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी संजय राव सहित पांच पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के कोतवाली इलाके में रहने वाली  पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय ने 7 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मनिया नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी के तौर पर उनकी तैनाती को मात्र दो साल ही हुए थे.
अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय गाजीपुर जिले के थाना भावरकोल की रहने वाली थीं। उनके पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला था जिसमे उन्होंने किसी षड़यंत्र का ज़िक्र किया था.
उन्होंने लिखा था कि
“मैं दिल्ली-मुंबई से बचकर बलिया में चली आई। लेकिन,यहां मुझे रणनीति के तहत फंसाया गया है। इससे मैं काफी दुखी हूं। लिहाजा, मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई दूसरे विकल्प नहीं है। हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा।”
पुलिस विभाग ने इसी के आधार पर जाँच पड़ताल की जिसमे प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए पाँच लोगों पर मुकदमा दर्ज़ किया गया है.

मेरी बेटी आत्महत्या कर ही नहीं सकती….

मणि मंजरी राय की मौत के मामले में उनके पिता जय ठाकुर राय ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बेटी की हत्या कर कमरे में शव लटकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह आत्महत्या कर ही नहीं सकती। लगातार उसकी परिवार वालों से बात हो रही थी। किसी तरह के तनाव में नहीं थी। बेटी को लगातार परेशान किया जा रहा था।

उन्होंने कई अधिकारियों, ठेकेदारों की ओर इशारा किया है. रविवार को उससे बात हुई तो उसने बताया कि शनिवार को उसका ड्राइवर हटा दिया गया था। वह खुद गाड़ी लेकर आने जाने लगी थी। फर्जी पेमेंट को लेकर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि उनको बेटी के कमरे में भी नहीं जाने दिया गया। रात में केवल बॉडी दिखाई गई। इस मामले की शासन जांच कराये तभी मेरी बेटी को न्याय मिलेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय अधिकारियो से जाँच कराये जाने की मांग की है।

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