इस्लामिक आतंक के खिलाफ भारत, अमेरिका और यूरोपिय संघ का फ्रांस को मिला साथ

इस इस्लामिक आतंक ने पूरे दुनिया को परेशान कर रखा है. फ्रांस में इसका प्रकोप इस कदर फैल चुका है कि वहां पर खून-खराबा शुरू हो चुका है. यहां प्रोफेट मोहम्मद के अपमान के नाम पर कई हत्याएं की जा चुकी हैं. सबसे पहले टीचर की गला काटकर हत्या की गई और बाद में नीस शहर में स्थित एक चर्च में एक मुस्लिम आतंकी ने चाकू से हमला कर दिया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. इस घटना पर पूरे फ्रांस में गुस्सा है और तमाम देशों ने फ्रांस के प्रति सहानुभूति दिखा रहा है. वहीं कई मुस्लिम देश और इस्लामिक कट्टरपंथियों ने फ्रांस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दूसरी ओर राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ कई महाशक्तियां आ खड़ी हुई हैं.

दो ध्रुवों में बटी दुनियां

इस्लामिक आतंक के खिलाफ भारत, अमेरिका और यूरोपिय संघ का फ्रांस को मिला साथ

अब इस्लामिक आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया दो ध्रुवों में बंटती जा रही है. फ्रांस को भारत, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी बड़ी महाशक्तियों का साथ मिल गया है,जिससे इस मुद्दे पर आगे टकराव तेज होने की आशंका बढ़ गई है. आपको बता दें कि फ्रांस के खिलाफ आग उगलते हुए मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री और कट्टर मुस्लिम नेता महातिर मोहम्मद ने एक के बाद एक ट्वीट करके अपनी भड़ास निकाली है.

महातिर मोहम्मद ने एक भड़काऊ ट्वीट करके लिखा कि ‘हालांकि, धर्म से परे, गुस्साए लोग हत्या करते हैं. फ्रांस ने अपने इतिहास में लाखों लोगों की हत्या की है,जिनमें से कई मुस्लिम थे. मुस्लिमों को गुस्सा होने और इतिहास में किए गए नरसंहारों के लिए फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का हक है.’

ट्विटर ने महातिर के इस ट्वीट को ठहराया गलत

ट्विटर ने महातिर के इस ट्वीट को नियमों का उल्लंघन बताते हुए डिलीट कर दिया. इसके बाद महातिर मोहम्मद ने फिर बदलकर नया ट्वीट ट्वीट किया. महातिर ने कहा, ‘अभी तक मुस्लिमों ने आंख के बदले आंख करना शुरू नहीं किया है. मुस्लिम ऐसा नहीं करते हैं और फ्रांसीसियों को नहीं करना चाहिए. फ्रांसीसियों को अपने लोगों को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए.’

पाकिस्तान ने बनाया निशाना

पाकिस्तान के पीएम ने फ्रांस के ऊपर इलजाम लगाए है. इमरान खान ने कहा कि ‘मुसलमान जब देख रहे हैं कि उनके विश्वास और सबसे अजीज पैगंबर मोहम्मद साहब को निशाना बनाकर मुस्लिम समुदाय के साथ सरकारों की ओर से भेदभाव किया जा रहा है. उनको प्रभावहीन बनाया जा रहा है तो उनकी ओर से क्रोध में ऐसे घातक कदम उठाए जा रहे हैं जो दक्षिणपंथी ताकतों को हालात भडक़ाने में सहायता कर रहे हैं.

तुर्की ने मुसलमानों को भड़काया

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने खिलाफ दुनिया भर के मुस्लिम देशों को भड़काने की शुरूआत करते हुए कहा था, ‘मैं अपने सभी नागरिकों और दुनिया भर के मुसलमानों का आह्वान कर रहा हूं. जैसे वे कहते हैं कि फ्रांस में ‘तुर्की के ब्रांडों की खरीद मत करो’, मैं यहां से अपने सभी नागरिकों को फ्रांसीसी ब्रांडों की मदद करने या उन्हें नहीं खरीदने की अपील कर रहा हूं.’

मोदी ने किया फ्रांस का समर्थन

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी फ्रांस के समर्थन में खड़े होकर ट्वीट करके कहा, ‘मैं आज नीस में चर्च के भीतर हुए नृशंस हमले समेत फ्रांस में हुए हालिया आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं. पीड़ितों के परिवार वालों और फ्रांस के लोगों के साथ हमारी संवेदना. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ है.’

ट्रंप ने भी किया सपोर्ट

इस्लामिक आतंक के खिलाफ भारत, अमेरिका और यूरोपिय संघ का फ्रांस को मिला साथ

ट्रंप ने फ्रांस को कहा कि’ हमारा दिल फ्रांस के लोगों के साथ है. अमेरिका इस लड़ाई में हमारे सबसे पुराने सहयोगी के साथ खड़ा है. इन कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी हमलों को तुरंत रोकना चाहिए. कोई भी देश, फ्रांस या कोई और लंबे समय तक नहीं रख सकता है.’

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

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