सोने के दाम में पहले गिरावट आई थी, लेकिन देखते देखते अचानक से बढ़त हो गई. पिछले सत्र में सोने की कीमत 50,830 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुई थी, जिसमें करीब ₹30 की गिरावट के बाद अब 50,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर तेजी आई है. लगातार तेजी के बाद सोने की कीमत मिनटों में 50,888 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़त आई है. दिवाली के दिन भी सोने चांदी की कीमतों में तेजी आई थी. दिवाली के दिन बाजार बंद होने के बावजूद भी एमसीएक्स पर 1 घंटे की स्पेशल मुहूर्त ट्रेडिंग होती है. जिस पर लोग शगुन के तौर पर सोना चांदी खरीदने जाते हैं. इसी समय ट्रेडिंग शुभ माना जाता है.
शुभ मुहूर्त ट्रेडिंग में सिर्फ 1 घंटे में सोना 0.25 फीसदी मतलब करीब 300 रुपये बढ़कर 51,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आया. बात करें अगर चांदी की तो इसमें 0.32 फीसदी पर करीब 1000 रुपये की बढ़त आई. चांदी की कीमत अब 63,940 रुपये प्रति किलो है.
7 अगस्त को सोने की कीमत 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंची थी. जिसके साथ चांदी 77,840 रुपये प्रति किलो का स्तर पर आई. तब से सोना अब तक 5500 रुपये प्रति 10 ग्राम गिर चुका है और चांदी ₹14000 प्रति किलो तक गिरी. इसी साल 7 अगस्त को सोने-चांदी की कीमतों में नया रिकॉर्ड बना था.
लोगों के मन में है सवाल
कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार में काफी गिरावट देखने को मिली थी. दुनिया भर के ज्यादातर शेयर बाजारों में कोरोना वायरस के कारण गिरावट से मजबूती पर रिकवरी हुई. ऑल टाइम हाई छू कर सोना अब वापस आ गया है. जिसके बाद आए दिन सोने चांदी की कीमतों में बदलाव हो रहा है. कोरोना वायरस के बाद ज्यादातर देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत हो गया है और सोने की कीमतें और कमजोर हो गई हैं.
अब लोगों के मन में यह सवाल है कि, क्या कोरोना वायरस के साथ सोने की स्थिति भी वैसे ही वापस लौट आएगी? क्या सोना भी और सस्ता हो सकता है? बात करें अगर जनवरी महीने की तो सेंसेक्स 41 हजार तक था और सोने की कीमत 41 हजार के करीब ही थी. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज की मानें तो सोने की कीमतें 65-67 हजार रुपये प्रति दस ग्राम आगे भी बढ़ सकती हैं.
सोने की मांग तिमाही महीने में 30% गिरने के बाद चौथी तिमाही में वापस बढ़ने की आशंका है, क्योंकि इस दौरान सोने की खरीदारी ज्यादा की जाती है. अमेरिकी चुनाव के बाद सोने की कीमतों को तय करने के लिए यह महीने महत्वपूर्ण होंगे. केंद्रीय बैंकों का रुख कम ब्याज दर , कोरोना महामारी का प्रभाव और अन्य चिंताएं कीमतों पर प्रभावित कर रही है.
कोरोना वायरस के समय निवेशकों के लिए सोना वरदान
दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का के मुताबिक, ” 1 साल तक सोना लगातार उच्च स्तर पर रह सकता है. संकट के समय में सोना निवेशकों के लिए वरदान साबित हुआ है. दीपावली के आसपास होने में 10 से 15% तक उछाल आ सकता है”.
युद्ध के बाद बढ़ जाती हैं सोने की कीमतें
1979 में युद्ध के बाद सोना लगभग 120 फ़ीसदी बढ़ा था. इसके अलावा साल 2014 में सीरिया पर अमेरिका के खतरे के समय भी सोने के दाम काफी बढ़ गए थे. इसके बाद सोने की कीमत पुराने स्तर पर आ गई थी. ईरान में जब अमेरिका का तनाव बढ़ा था, तो चीन अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनने के बाद सामने की कीमतें बढ़ी थी. अक्सर ऐसा देखा गया है कि मुसीबत की घड़ी में सोने की चमक और ज्यादा बरकरार रहती है.