त्योहारों का सीजन आ गया है ऐसे में सरकार के द्वारा एक बार फिर आपको सस्ता सोना खरीदने का मौका मिल रहा है. 12 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक आपको मार्केट रेट पर सस्ते प्राइस में सोना खरीदने का अवसर प्राप्त होगा. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत यह योजना शुरू हो चुकी है. सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना (एसजीबी) की 2020-21 अगली श्रृंखला अब 9 नवंबर से 13 नवंबर तक अभिदान के लिए शुरू की जाएगी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक स्वर्ण बॉन्ड की निर्गम कीमत अब लगभग 5,051 रुपए प्रति ग्राम के हिसाब से तय कर दी गई है. 999 शुद्ध गोल्ड के औसत बंद भाव पर अब यह रेट 5,051 ही तय कर दिया गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया कि, ” सरकार ने आरबीआई की परामर्श के बाद ही ऑनलाइन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले सभी निवेशकों को अब प्रति ग्राम पर ₹50 की छूट दी जाएगी”. केंद्रीय बैंक ने भी निवेशकों के लिए स्वर्ण बांड की कीमत 5,001 रुपए प्रति ग्राम ही कर दी है.
इन लोगों पर हो सकता है प्रतिबंध
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 400 ग्राम गोल्ड बॉन्ड ले सकता है. इस योजना के तहत सभी निवेशक निवेश करने पर अपना टैक्स भी बचा लेंगे. अगर बात की जाए यह किन लोगों पर प्रतिबंधित है तो, यह ट्रस्टी व्यक्तियों, HUF, विश्वविद्यालयों और धर्म संस्थानों के लिए भी प्रतिबंधित किया जाएगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के निवेशकों के लिए यह आवश्यक है कि उनके पास पैन कार्ड जरूर हो. इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लघु वित्त बैंक को छोड़कर एसएचसीआईएल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या फिर सीधे एजेंटों के माध्यम से आवेदन प्राप्त और ग्राहकों को सेवाएं देने के लिए अधिकृत है.
निवेशकों को है भरोसा
कोरोना महामारी के बाद से लगातार इसमें 6 महीने तक निवेश हुआ है. बात की जाए आंकड़ों की तो सितंबर के महीने में निवेशकों ने लगभग 597 करोड़ रुपए तक निवेश किए थे. अगस्त में 908 करोड रुपए निवेश गए. इस साल लगभग 5,957 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. इन सबके बाद गोल्ड ईटीएफ में रिटर्न की वजह से निवेशकों का भरोसा और भी ज्यादा हो गया है.
हम आपको बता दें कि, इस योजना के तहत आपको फिजिकल रूप में कोई भी सोना प्रदान नहीं किया जाता है. यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है. इलेक्ट्रिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर भी कोई संदेह नहीं किया जा सकता है, लोन के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है. साथ ही रिडेंप्शन में 5 साल के बाद कभी भी इसको भुनाया भी जा सकता है.