ओटीटी

टीआरपी में हेरफेर के घोटाले और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज में बढ़ती अश्लीलता और आपत्तिजनक सामग्री के चलते लोग इस पर लगाम लगाने की बात कर रहे हैं। जिसपर अब केंद्र सरकार सख्त होने वाली है।

क्यों ला रही सरकार टीआरपी और ओटीटी के लिए गाइडलाइन

प्रकाश जावडेकर

टीआरपी के हेरफेर और ओटीटी सामग्री के रेगुलेशन को लेकर लोक सभा सांसदों के सवालों के जवाब में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सरकार सकारात्मक कदम उठा रही है और हर मामले में नए दिशानिर्देशों को जारी करेंगी।

जावड़ेकर ने कहा कि, “सरकार को लगातार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ वेब सीरीजों के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर रिलीज फिल्में और सीरियल्स, डिजिटल समाचार पत्र, केबल टेलीविजन नेटवर्क्स एक्ट या सेंसर बोर्ड के दायरे में नहीं आते हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्मों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे”।

किसने की है सिफारिश

ओटीटी

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, जावडेकर ने कहा कि इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएनएआई) ने मंत्रालय को ओटीटी डिजिटल सामग्री के लिए एक स्व-नियामक तंत्र विकसित करने का आश्वासन दिया है। कानून के तहत प्रतिबंधित सामग्री पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया और हितों के टकराव के मसले भी थे।

जावडेकर ने कहा कि मिल रही शकायतों के बाद मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और आईएएमएआई के साथ कई दौर की बातचीत की। उन्होंने टीआरपी में हरफेर के मामले पर कहा कि, बार्क डिसीप्लिनरी काउंसिल का कहना है कि उसने पैनल की शुचिता बनाए रखने के लिए कार्यवाई की और सैंपल में हेरफेर करने वालों के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने एक समिति गठित की है जिसने माप पद्धति और रेटिंग एजेंसियों और ऑडिट की संरचना में ढांचागत बदलाव करने की सिफारिशें की है”।