Virat Kohli: टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उन्होंने खेल के तीनों प्रारूपों में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। विराट अब अपने क्रिकेट करियर के अंतिम चरण की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। मगर इसी बीच पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने कोहली के बचपन के कुछ मजेदार किस्से सुनाए हैं और बताया है कि करियर की शुरुआत में उनकी मानसिकता कैसी थी।
हरभजन सिंह ने सुनाए किस्से
44 साल के हरभजन सिंह ने विराट कोहली (Virat Kohli) के क्रिकेट करियर के शुरूआती समय के कुछ किस्से सुनाए हैं। उन्होंने बताया कि विराट अच्छा प्रदर्शन करके के बावजूद खुद को लगातार बेहतर करना चाहते थे। भज्जी (Harbhajan Singh) ने दाएं हाथ के बल्लेबाज की 2008 में पहली सीरीज और 2011 में वेस्टइंडीज दौरे के वाक़ियों को याद किया। आइये आपको भी बताते हैं कि हरभजन ने विराट कोहली को लेकर क्या कुछ कहा है।
क्या बोले हरभजन सिंह?
हरभजन सिंह ने तरुवर कोहली के पॉडकास्ट पर 2008 में श्रीलंका के खिलाफ विराट कोहली (Virat Kohli) की डेब्यू सीरीज की एक घटना को याद करते हुए कहा, “मुझे आज भी याद है, शायद वीरू (सहवाग) चोटिल हो गए थे। अजंता मेंडिस लगातार विकेट निकाल रहे थे। मगर विराट ने बल्लेबाजी की और अर्धशतक बनाया। आउट होने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा, ‘पाजी, मैंने कैसा खेला?’ मैंने कहा, ‘बहुत अच्छा।’ फिर उन्होंने कहा, ‘मुझे आउट नहीं होना चाहिए था। उन्हें और मारना चाहिए था।” उनका यह रवैया मुझे बहुत पसंद आया।”
टेस्ट में भी हुई थी परेशानी
हरभजन सिंह ने बताया कि 2011 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध अपनी पहली टेस्ट सीरीज में भी विराट कोहली (Virat Kohli) को काफी परशानियों का सामना करना पड़ा। भज्जी ने बताया, “शुरुआत में हम वेस्टइंडीज में थे। उस दौरे पर फिडेल एडवर्ड्स ने उन्हें (विराट को) बहुत परेशान किया। वो उन्हें या तो एलबीडब्ल्यू या शॉर्ट बॉल पर आउट कर रहे थे। विराट बार-बार आउट होकर बहुत निराश थे। उन्होंने मुझसे पूछा कि ‘क्या मैं अच्छा खिलाड़ी हूं?’ मैंने उनसे कहा ‘अगर आप 10,000 रन नहीं बना पाए तो आपको शर्म आनी चाहिए। अगर यह आंकड़ा नहीं छू पाए तो यह आपकी अपनी गलती होगी।’ उसके बाद कोहली ने जो किया वह हम सबके सामने ही है।”
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