बॉलीवुड के द ग्रेट कपूर खानदान में करिश्मा से पहले कोई अभिनेत्री फिल्मों में काम नहीं करती थी। मगर लोलो यानी करिश्मा कपूर ने सालों से चली आ रही अपने परिवार की परंपराओं को तोड़ते हुए फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने दम पर अपना करियर बनाया। खूबसूरती और दमदार अभिनय के बदौलत 90 के दशक में करिश्मा की तूती बॉलीवुड में बोल चुकी थी।
हालांकि बचपन से एक्टर बनने का ख़्वाब देंखने वाली करिश्मा के लिए यह इतना आसान नहीं था। इस बात का खुलासा खुद उनकी बहन करीना ने एक इंटरव्यू में किया था, इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि कैसे स्ट्रगल के दौरान उनकी बहन करिश्मा रातों को रोया करती थी। आइए इस किस्से को और गहराई से जानते हैं।
राजा हिन्दुस्तानी से बदल गई करिश्मा कपूर की जिंदगी
करिश्मा कपूर ने महज़ 17 साल की उम्र में 1991 में आई फ़िल्म प्रेम कैदी से अपने करियर की शुरुआत की थी। हालांकि यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस ओर औंधे मुंह गिर गयी थी। इस फ़िल्म के बाद भी करिश्मा ने कई फिल्मों में अभिनय किया मगर इसके बाद भी उन्हें वो कामयाबी नहीं मिल पा रही थी जो उन्हें चाहिए थी।
हालांकि इसके बाद आई आमिर खान के साथ फ़िल्म राजा हिंदुस्तानी उनके करियर की टर्निंग पॉइंट साबित हुई और वो रातों रात एल स्टार बन चुकी थी। इस फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए फ़िल्म फेयर ने बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी उन्हें दिया। इसके बाद तो मानो अभिनेत्री की चांदी लग गयी और उन्होंने ‘बीवी नं 1’, ‘हम साथ साथ हैं’, ‘दिल तो पागल है’ और ‘फिजा’ जैसी कई सफल फिल्में बॉलीवुड को दी।
स्ट्रगल के दिनों में करिश्मा को कई रात रोते देखीं हैं करीना कपूर
अपनी बहन करिश्मा को आदर्श मानते हुए करीना ने भी फ़िल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने की ठानी और इसमें सफल भी हुई। अपने एक पुराने इंटरव्यू में करीना ने बताया था कि करिश्मा के स्ट्रगल के दौर को उन्होंने बहुत नजदीक से देखा था।
करीना ने बताया कि
“वे छिप कर करिश्मा को रोते हुए देखा करती थी। मैंने अपनी बहन को अपनी मां के साथ बैठकर कई रातों को रोते हुए देखा है। वो कहती थीं कि, लोग उसे नीचा दिखा रहे हैं और वह कभी आगे नहीं बढ़ पाएगी। मैं पीछे छिप जाती थी और ये सब देखती थी, क्योंकि वे कभी नहीं चाहेंगे कि, मैं उस दर्द को देखूं, जिससे वे गुजर रहे थे। मैंने बहुत देखा है।’