ये है वो प्लम्बर जो करोना काल में बुजुर्गो के भर रहा बिल, खिला रहा उन्हें खाना

कोरोना जैसी घातक बीमारी ने सबको हिला के रख दिया है, अभी भी इससे बचाव के लिए सॉलिड़ कोई वैक्सीन बन नहीं पाई है। कोरोना में लॉकडाउन ने दौरान कई लोगों की नौकरिया चली गई, कई घर बिगड़ गए, लेकिन वो कहते है ना इंसानियत आज भी इस दुनिया में कहीं ना कहीं कायम है। ऐसा ही एक किस्सा आज हम आपकों बताने जा रहे हैं, जिसमें कोरोना काल में परेशान बुजुर्गों की मदद वो भी एक प्लंबर ने।

एक प्लंबर ने की लोगों की मदद

ये है वो प्लम्बर जो करोना काल में बुजुर्गो के भर रहा बिल, खिला रहा उन्हें खाना

जेम्स एंडरसन, जो कि इंग्लैंड के बर्नले में रहने वाले एक प्लंबर है, जिन्होंने बीते साल से एक सर्विस शुरू की थी। जिसमें उन्होंने उन लोगों के घर फ्री मे बिंग करनी शुरू की, जिनके पास पैसे नहीं हैं। ज्यादातर बुजुर्गों के घरों में मदद की थी। अब कोरोना दौर में उन्होंने अपने लेवल पर फिर से कई लोगों की मदद की।

DEPHER नाम की खोली नॉन प्राफिट फर्म

ये है वो प्लम्बर जो करोना काल में बुजुर्गो के भर रहा बिल, खिला रहा उन्हें खाना

जेम्स ने एक Depher- Disabled and Elderly Plumbing and Heating Emergency नाम की नॉन प्राफिट खोली  है।लॉकडाउन के दौरान उन्होंने 14 लाख की पीपीई किट लोगों में बांट दी। इतना ही नहीं उन्होंने लोगों के बिल भी पे किया। उन्होंने 30 बच्चों को उनके बर्थडे पर सरप्राइज सेलिब्रेशन भी किया। अभी तक उन्होंने मदद के नाम 50,000 यूरो खर्च कर दिए है। भारत की करेंसी के हिसाब से देखा जाए तो43 लाख रुपए के आसपास उन्होंने लोगों की मदद की है।

बुजुर्गों पर है मदद का केंद्र बिंदु

ये है वो प्लम्बर जो करोना काल में बुजुर्गो के भर रहा बिल, खिला रहा उन्हें खाना

जेम्स सबसे ज्यादा बुजुर्गों की मदद करने पर ध्यान लगाते हैं। जेम्स कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि वो सर्दियों में कैसे सर्वाइव कर पाएंगे। पर वो कहते हैं कि बुजुर्गों और विकलांग पर उनका ध्यान ज्यादा होगा। वो उनकी ज्यादा मदद करना चाहते हैं। वो कहते हैं कि कई बार रात में उनकी जाग ये सोचकर खुल जाती है कि आगे क्या होगा या होने वाला है, लेकिन उनका मानना है कि ये काम उन्होंने लोगों के लिए शुरू किया। इसमें लोगों का ही योगदान बेहद जरूरी है।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...