भारत को मिली एक और कामयाबी, अब सामने भी नहीं टिक पायेंगे चीन और पाकिस्तान

भारत ने अपनी सबसे खतरनाक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण किया है. इस मिसाइल का परीक्षण 24 नवंबर यानी मंगलवार को आज सुबह 10 बजे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक अज्ञात द्वीप से किया गया. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को एक द्वीप को टारगेट को बनाकर दागा गया और उसने सफलतापूर्वक अपने उस लक्ष्य वाले द्वीप को तबाह कर दिया.

ब्रह्मोस मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का परीक्षण सफल

भारत को मिली एक और कामयाबी, अब सामने भी नहीं टिक पायेंगे चीन और पाकिस्तान

आपको बता दें कि भारत मिसाइल से दूर तक मार करने की अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए बुधवार को कई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का प्रक्षेपण करेगा. इसमें जमीन और समुद्र के लक्ष्यों को निशाना बनाया जाएगा. ये परीक्षण पश्चिम बंगाल के पास हिंद महासागर के क्षेत्र में किया जाएगा.

इसकी क्षमता अब 400 किलोमीटर तक बढ़ गई है

भारत को मिली एक और कामयाबी, अब सामने भी नहीं टिक पायेंगे चीन और पाकिस्तान

जान लें कि ये परीक्षण भारतीय सेना द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित मिसाइल सिस्टम के कई रेजिमेंट हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की मार करने की क्षमता अब 400 किलोमीटर तक बढ़ गई है. इस परीक्षण की टाइमिंग को बेहद अहम माना जा रहा है. ऐसे समय में जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद गरम है, उस समय भारत का यह मिसाइल परीक्षण चीन को कड़े संदेश के दौर पर माना जा रहा है.

4300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला

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भारत अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन से लगने वाली सीमाओं पर पहले ही ये ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तैनात कर चुका है. पहले इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी बाद में 400 किलोमीटर से ज्यादा तक कर दी गई है. अनुमान के मुताबिक, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 450 किलोमीटर से अधिक दूरी तक निशाने को तबाह कर सकती है. ब्रह्मोस मिसाइल 28 फीट लंबी है. यह 3000 किलोग्राम वजन की है. इसमें 200 किलोग्राम के पारंपरिक और परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं.

यह 300 किलोमीटर से 800 किलोमीटर तक की दूरी पर बैठे दुश्मन पर अचूक निशाना लगाती है. इसकी गति इसे सबसे ज्यादा घातक बनाती है. यह 4300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला करती है. यानी 1.20 किलोमीटर प्रति सेकेंड. इसके छूटने के बाद दुश्मन को बचने का या हमला करने का मौका नहीं मिलता.