पूरे विश्व में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। कोरोना वायरस को रोकने और उसका सामना करने के लिए कई वैज्ञानिक अपनी जद्दोजहद में लगे हुए हैं। कोरोना के वैक्सीन को ढूंढ़ने का सिलसिला जारी है। इसी के बीच रूस से खुशखबरी आई है। रूस के वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन को बना लिया है।
कैसे होगी वैक्सीन की आपूर्ति
रूस की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज के साथ भारत की डील हुई है, जिसमें रूस का सरकारी संपत्ति कोष ‘आर डी आई एफ’ भारत को 10 करोड़ वैक्सीन के डोज बेचेगा।
आर डी आई एफ ने कहा
आर डी आई एफ के सीईओ ने कहा कि
“रूस की आर डी आई एफ भारत में स्पूतनिक – 5 टीके के क्लीनिकल परीक्षण और वितरण के लिए डॉ.रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर काम करेंगी। उन्होंने कहा कि स्पूतनिक -5 टीके के क्लीनिकल परीक्षण के लिए सभी आवश्यक शर्तें पूरी हो। यह सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नियामकों के साथ बातचीत कर रहे हैं”
कब तक करना होगा इंतजार
आर डी आई एफ के बयान के अनुसार कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति देश मे 2020 के अंत में शुरू होगी। इससे पहले इसको भारतीय नियामकीय संस्थाओं की जांच और पंजीकरण की शर्तों को पूरा करना होगा।
बतातें चले कि बीते 11 अगस्त को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पूतनिक – वी का कोविड़-19 के टीके के तौर पर पंजीकरण किया था। आरडीआईएफ के मुख्य अधिकारी किरिल दिमित्रिदेव ने कहा कि
‘भारत में डॉक्टर रेड्डीज के साथ साझेदारी कर हमें बहुत खुशी हो रही है । भारत कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में से एक है । हमें विश्वास है कि हमारा मानवीय एडीनोवायरस डुअल वैक्टर मंच भारत को कोविड-19 से निपटने के उसके प्रयासों में एक सुरक्षित और वैज्ञानिक विकल्प उपलब्ध कराएगा।’
डॉ. रेड्डीज के सह-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जी.वी. प्रसाद ने बताया कि कंपनी भारत में टीका लाने के लिए आरडीआईएफ के साथ साझेदारी कर खुश है। इसके पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के परिणाम उत्साहवर्द्धक हैं। उनके अनुसार
‘भारत में इसके तीसरे चरण के परीक्षण होंगे, जिससे कि भारतीय आबादी की बेहतरी और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही भारतीय नियामकों की जरूरतों को भी पूरा किया जा सके।’