Retirement: टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टी20 सीरीज खेल रही है। इस श्रृंखला का चौथा मुकाबला शुक्रवार को पुणे में खेला जाएगा। मगर इस मैच के शुरू होने से पहले एक दिग्गज भारतीय खिलाड़ी ने अपने संन्यास (Retirement) का ऐलान कर दिया। इस खिलाड़ी का ओवरऑल प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है, लेकिन वे कभी भी टीम इंडिया के लिए निरंतर क्रिकेट नहीं खेल पाए। आइये आपको बताते हैं कि कौन है ये खिलाड़ी और अपना अंतिम मैच कब खेलेगा?
इस खिलाड़ी ने लिया Retirement
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा अपने क्रिकेट करियर का अंतिम मैच खेल रहे हैं। 30 जनवरी से शुरू हो चुका रणजी ट्रॉफी 2024/25 के सांतवें चरण का मुकाबला उनके करियर का आखिरी मैच होगा। वे बंगाल की टीम का हिस्सा हैं और पंजाब के खिलाफ मुकाबला खेल रहे हैं। आपको बता दें कि बंगाल की टीम प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई है और इस मैच के साथ ही उनका भी यह सीजन खत्म हो जाएगा।
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पहले ही कर चुके थे घोषणा
40 साल के रिद्धिमान साहा पहले ही अपने संन्यास (Retirement) का ऐलान कर चुके थे। उन्होंने नवंबर 2024 में सभी को हैरान करते हुए कहा कि रणजी ट्रॉफी का जारी सीजन उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मेरा हमेशा से मानना रहा है कि पीआर नहीं बल्कि प्रदर्शन किसी भी खिलाड़ी को डिफाइन करता है।”
इतना ही नहीं साहा ने जानकारी दी कि उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से सहायक कोच बनने का ऑफर आया है, लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि वे अभी इस भूमिका के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हैं।
परिवार के साथ बिताना चाहते हैं समय
रिद्धिमान साहा ने कहा कि वे फिलाहल अपने रिटायरमेंट (Retirement) को एन्जॉय करना चाहते हैं और अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं। मगर साथ ही उन्होंने अपने करियर को लेकर अफ़सोस भी जताया। साहा का कहना है कि अगर इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका बल्लेबाज औसत 45 या उससे ज्यादा होती, तो इससे उन्हें काफी ख़ुशी मिलती। आइये उनके क्रिकेट करियर पर एक नजर सालते हैं।
ऐसा रहा साहा का करियर
रिद्धिमान साहा के आंकड़ों पर नजर डालें तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए 40 टेस्ट और 9 वनडे मुकाबले खेले। इस दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 29.41 की एवरेज से 1353 रन बनाए, जिसमें 3 शतक एवं 6 अर्धशतक भी शामिल रहे। वहीं, वनडे में वे महज 41 रन बना सके। आईपीएल की बात करें तो यहां उन्होंने 170 मैचों में 2934 रन बनाए।
साहा ने भारत के लिए वर्ष 2010 में धोनी की कप्तानी में डेब्यू किया था। मगर वे कभी भी टीम का निरंतर हिस्सा नहीं बन सके। पहले धोनी और फिर ऋषभ पंत ने टीम इंडिया में प्राथमिक विकेटकीपर की भूमिका निभाई।
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