Match Fixing: टीम इंडिया के खिलाड़ियों को बीसीसीआई मोटी मैच फीस देती है। इसके अलावा खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट समेत अन्य कई स्त्रोतों के जरिए भी कमाई होती है। मगर फिर भी कुछ प्लेयर्स का इतने पैसों से भी मन नहीं भरता और वे अपना ईमान भी गिरवी पर रख देते हैं। हालांकि, नियमों के तहत ऐसे खिलाड़ियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है और बीसीसीआई भी कई आरोपियों को बैन कर चुका है। इसी क्रम में एक और भारतीय खिलाड़ी पर मैच फिक्सिंग (Match Fixing) का इल्जाम लगा है।
इस खिलाड़ी पर लगा आरोप
टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज अजय शर्मा को आधुनिक समेत के सबसे विष्फोटक बल्लेबाजों में से एक माना जाता था। उन्होंने घरेलु क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर से भी अच्छा प्रदर्शन दिखाया है। मगर मैच फिक्सिंग (Match Fixing) ने उनके सुनहरे करियर को मिट्टी में मिला दिया।
वर्ष 2000 में टीम इंडिया का तल्कालीन कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और हरफनमौला खिलाड़ी अजय जडेजा के साथ बैन होने वाले अजय शर्मा तीसरे खिलाड़ी थे। उनके ऊपर मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगे, जिसके चलते बीसीसीआई ने उनपर आजीवन प्रतिबन्ध लगा दिया।
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शानदार रहा करियर
अजय शर्मा का इंटरनेशनल करियर ज्यादा लम्बा नहीं चला, लेकिन डोमेस्टिक क्रिकेट में उनका दबदबा काफी समय तक चला। वे मैदान पर उतरे ही गेंदबाजों के ऊपर हावी हो जाते थे। और फिर उनकी जमकर पिटाई किया करते थे। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अजय का एवरेज सचिन तेंदुलकर से भी ज्यादा है। आइये उनके आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं –
ऐसे हैं आंकड़ें
60 साल के अजय शर्मा 129 फर्स्ट क्लास मैचों में 67.46 की शानदार एवरेज से 10,120 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 38 शतक और 36 अर्धशतक निकले। वहीं, 113 लिस्ट A मुकाबलों में अजय ने 36.07 की औसत से 2814 रन बनाए। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारत के लिए खेले 31 वनडे में 424 रन एवं एक मात्र टेस्ट में 53 रन बनाए हैं।
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