Cricketers: क्रिकेट एक ऐसा खेल माना जाता है जहां खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन को काफी ज्यादा एंजॉय करते हैं और उनके द्वारा बनाए गया रिकॉर्ड आजीवन उनके प्रदर्शन को दर्शाता है, लेकिन कई बार यह देखा जाता है कि सब कुछ पास होते हुए भी लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं और कई बार तो आत्महत्या तक करने की सोच लेते हैं. आज हम चार ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में नाम जरूर बनाया लेकिन इसे पूरी तरह जी नहीं पाए.
डेविड बेयरेस्टो
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरेस्टो के पिता डेविड बेयरेस्टो भी क्रिकेटर थे. उन्होंने 1998 में अपने घर में 46 की उम्र में फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया. उस वक्त जॉनी काफी ज्यादा छोटे थे और उनकी उम्र मात्र 8 साल थी. डेविड ने अपने करियर में इंग्लैंड के लिए चार टेस्ट और 21 वनडे मैच खेले. 1998 में उन्होंने अपने जीवन को समाप्त कर लिया.
आँब्रे फॉल्कनर
खेल से दूरी बनाने के बाद इस खिलाड़ी ने क्रिकेट स्कूल खोला, लेकिन इससे भी वह ज्यादा दिनों तक झूठ नहीं पाए क्योंकि उन्हें वह कामयाबी नहीं मिली, जिसकी उन्हें उम्मीद थी. नतीजा यह हुआ कि मानसिक रूप से परेशान रहने के कारण साउथ अफ्रीका के इस धुरंधर खिलाड़ी ने 10 सितंबर 1930 को अपने क्रिकेट स्कूल के स्टोर रूम में अपनी जान ले ली. इन्होने अफ्रीका के लिए कुल 25 टेस्ट मैच खेले थे.
जिम बर्क
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिए धुरंधर खिलाड़ी ने 24 टेस्ट मैच खेले, लेकिन जुए के बाजार में तकरीबन डेढ़ लाख डॉलर हारने के बाद इन्हें पैसे की तंगी हो गई और वह मानसिक रूप से इतना ज्यादा परेशान हो गए कि 54 साल की उम्र में उन्होंने अपने आप को गोली मार ली और मौत को गले लगा लिया.
हेरोल्ड गिम्बलट
इंग्लैंड क्रिकेट टीम (International Cricketers) के जाने माने खिलाड़ी हेराल्ड ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 23000 से ज्यादा रन बनाए थे. उनके नाम 49 सेंचुरी थी. हालांकि, उन्होंने इंग्लैंड के लिए महज तीन टेस्ट मैच खेले थे. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह डिप्रेशन से जूझने लगे. 1978 में दवा के ओवरडोज के कारण इस खिलाड़ी की मौत हो गई थी.
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