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IPL Auction में क्या है नया टाई-ब्रेकर रूल? जिसमे सीक्रिट तरीके से तय होगी खिलाड़ियों की कीमत

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IPL Auction: आईपीएल 2026 ऑक्शन (IPL Auction) को लेकर फैंस के बीच जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बार बीसीसीआई ने नीलामी प्रक्रिया को लेकर एक नया टाई- ब्रेकर रूल निकला है। जो खास मामलों में हाइ लेवल जैसी सीक्रेट बिड जैसी परेशानियों से निपटने के लिए तैयार किया गया है। इसी कड़ी में आइए जानते है, क्या है बीसीसीआई का नया टाई- ब्रेकर रूल……

क्या है टाई- ब्रेकर रूल

Ipl Auction
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दरअसल, टाई- ब्रेकर रूल बीसीसीआई द्वारा दिया गया एक सिम्पल सॉल्यूशन है, अगर दो या उससे ज्यादा टीमें ऑक्शन (IPL Auction) में किसी खिलाड़ी के लिए एक जैसी बिड पर रुक जाती है, तो बोर्ड उन्हें ‘टाई- ब्रेकर’ फॉर्म देगा। जिसमें उन्हें भारतीय रुपए में एक ‘सीक्रेट बिड’ या यूं कह ले कि सीक्रेट अमाउंट लिखनी होगी। खास बात यह है कि यह रकम उस खिलाड़ी को नहीं दी जाएगी, बल्कि यह वह अमाउंट होगा जिसे फ्रेंचाइजी बीसीसीआई को देना होगा। जिसे ‘टाई- ब्रेकर बिड’ कहां जाएगा और इस ट्विस्ट से बिडिंग प्रोसेस में रोमांच और बढ़ जाएगा।

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इन दो टीमों के बीच हो सकता है ट्राई- ब्रेकर

इंडियन प्रीमियर लीग 2026 का मिनी ऑक्शन (IPL Auction) रणनीतियों का बड़ा इम्तिहान साबित होने वाला है। इस नीलामी में सिर्फ कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स ही दो ऐसी टीमें है, जिनके पास मजबूत पर्स बैलेंस मौजूद है। वहीं बाकी सात टीमें बजट के मामले में लगभग एक ही स्तर पर खड़ी है। दूसरी ओर, मुंबई इंडियंस के पास सिर्फ 2.75 करोड़ रुपए का बैलेंस बचा हुआ है, जिससे उनका किसी भी बड़ी बोली की रेस में शामिल होना लगभग नामुमकि नजर आ रहा है। ऐसे में विदेशी स्टार खिलाड़ियों पर जोरदार बिडिंग देखने को मिल सकती है, जहां ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन और इंग्लैंड के लियाम लिविंग्स्टोन टॉप पर माने जा रहे है।

फैंस के बीच एक्साइटमेंट

पिछले सालों में सीक्रेट बिड (IPL Auction) को लेकर ऐसा माना जाता रहा है कि जब दोनों टीमें किसी खिलाड़ी के लिए एक तय लिमिट तक पहुंच जाती हैं, तो सौदा पक्का करने के लिए हाइ अमाउंट लगाना जरूरी हो जाता है। हालांकि इस प्रक्रिया में रकम सीधे बीसीसीआई को देनी होती है, जिससे टीमों के पास डील फाइनल करने का कोई तय फॉर्मूला नहीं होता और यही बात फैंस की उत्सुकता बढ़ाती है। सीक्रेट बोली जीतने वाली टीम को 16 दिसंबर की नीलामी के 30 दिन के भीतर भारतीय रुपये में भुगतान करना होगा, जबकि खिलाड़ी की कीमत वही रहेगी जिस पर दोनों टीमें पहले लॉक थीं।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...