Revolt in China: भारत के पड़ौसी देश पाकिस्तानी में कई बार सरकार का तख्तापलट हो चुका है। वहीं बांग्लादेश में भी पिछले साल तख्तापलट हुआ था जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया था। अब भारत के एक और पड़ौसी देश और दुनिया की महाशक्ति चीन में भी बगावत (Revolt in China) की बू आ रही है। और ये बगावत (Revolt in China) और कोई नहीं बल्कि चीन की सेना ने की है। चीन की राजनीतिक और सैन्य व्यवस्था में हाल ही में एक बड़ा बदलाव हुआ है, जिसने वैश्विक ध्यान अपनी ओर खींचा है।
चीन में सेना ने छेड़ी राष्ट्रपति जिंगपिंग के खिलाफ बगावत
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के वरिष्ठ एडमिरल मियाओ हुआ को उनके पद से हटा दिया है। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के ‘राजनीतिक कार्य विभाग’ के प्रमुख रहे मियाओ को सेना की विचारधारा और वफादारी को बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे सभी के मन में सवाल आ रहा है कि क्या चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ बगावत (Revolt in China) हो रही है? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि जिनपिंग ने चीन के सबसे शक्तिशाली सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) में बड़ा उलटफेर किया है।
वरिष्ठ एडमिरल मियाओ समेत तीन वरिष्ठ सेन्य अफसरों को हटाया
पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के सबसे वरिष्ठ एडमिरल मियाओ हुआ को उनके पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा देश के नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन के डिप्टी चीफ इंजीनियर लियू शिपेंग को चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) से हटा दिया गया है।
जब चीन लगातार साउथ चाइना सी में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा रहा है तब ऐसा बदलाव हैरान करने वाला है। चीन ने भ्रष्टाचार निरोधक कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सेना के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया। इनमें जनरल मियाओ हुआ, नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल ली हनजुन भी शामिल है। इससे बगावत (Revolt in China) होना संभव है।
चीन में भ्रष्टाचार के चलते की गई कार्रवाई
रिपोर्ट के मुताबिक तीनों अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के चलते कार्रवाई की गई। इन सभी को चीनी संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने बर्खास्त किया। चीन को डर है कि भ्रष्टाचार के चलते चीनी सेना कमजोर हो रही है। इसलिए सेना में 2023 से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चल रहा है। इसके तहत अब तक करीब 10 जनरल और कई अफसरों को हटाया जा चुका है। जनरल मियाओ हुआ चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के सदस्य और इसके राजनीतिक कार्य विभाग के निदेशक थे। नवंबर 2024 से उन पर भ्रष्टाचार के आरोप में जांच चल रही थी।
मियाओ चीन के राष्ट्रपति जिंगपिंग के थे करीबी
मियाओ को अप्रैल 2025 में एनपीसी से हटा दिया गया था और अब उन्हें सीएमसी से भी बर्खास्त कर दिया गया है। वह चीनी सेना में कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे। मियाओ को खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चुना था और शी के सत्ता में आने के बाद उनका करियर तेजी से आगे बढ़ा। वहीं, वाइस एडमिरल ली हानजुन नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ थे और लियू शिपेंग परमाणु क्षेत्र में काम करते थे। इनके हटाने से सेना में बगावत (Revolt in China) होना आम दिख रहा है।
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