उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक बार फिर से खाकी वर्दी की गरिमा को नष्ट कर दिया गया। पुलिस थानेदार का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर वह चोरी की कार चला रहा था। आरोप है कि बिठूर के थानेदार कौशलेंद्र प्रताप सिंह चोरी की गाड़ी को चला रहे थे, जिसमें कि नंबर भी नहीं था। थानेदार की चोरी की गई गाड़ी के बारे में खुलासा तब हुआ, जब उन्होंने इस कार को सर्विस करवाने के लिए ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर भेजा।
बिकरू कांड में घायल हो गए थे कौशलेंद्र
हम आपको बता दें, थानेदार कौशलेंद्र प्रताप सिंह खौफनाक गैंगस्टर विकास दुबे के साथ में बिकरू एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, इसके अलावा सीईओ समेत अन्य 8 पुलिसकर्मी भी इसी दौरान शहीद हो गए थे।
कार की सर्विस के दौरान हुआ खुलासा
थानेदार कौशलेंद्र सर्विस सेंटर से गाड़ी वापस कर दी गई। कुछ दिन बीत जाने के बाद जब गाड़ी की सर्विस का फीडबैक लेने के लिए सर्विस सेंटर से कार के मालिक को फोन किया गया, तो यह कॉल सीधा ओरिजिनल मालिक के पास गई। दरअसल ये फ़ोन कार की चेचिस नंबर के आधार पर ही गाड़ी असली मालिक को किया गया था। जब अचानक गाड़ी के असली मालिक को 2 साल के बाद कार की सर्विस के फीडबैक की कॉल मिली तो वह काफी हैरान रह गया। इसके बाद इस सच का भी खुलासा हो गया कि, जिस कार की सर्विस करवाई जा रही है, वह चोरी की है।
2 साल पहले चोरी हुई थी गाड़ी
जानकारी के मुताबिक यह कार 31 दिसंबर को ठीक 2 साल पहले चोरी हो गई थी। पूरे मामले की जानकारी शुरू की गई, जिसके बाद पता चला कि, सर्विस के लिए जो गाड़ी दी गई है, वह बिठूर के थानेदार कौशलेंद्र प्रताप ने भेजी थी। गाड़ी के असली मालिक ओमेंद्र सोनी हैं, जो कि बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा-2 में रहते हैं। गाड़ी 31 दिसंबर 2018 को रतनलाल नगर से चोरी हुई थी, जिसके एफआइआर भी उन्होंने 4 जनवरी को दर्ज करवा दी थी।
कार के मालिक ओमेंद्र पहुंचे सर्विस सेंटर
सर्विस सेंटर से कॉल आने के बाद ओमेंद्र सोनी सीधे सर्विस सेंटर पहुंच गए, जहां पर ये पता चला कि, उनकी गाड़ी बिठूर के सर्विस सेंटर में सर्विस करवाने के लिए भेजी थी। थानेदार ने कार वापस करने के आश्वासन भी दिए साथ ही दबाव बनाया कि, वह इस मामले की शिकायत अन्य अधिकारियों से नहीं करें। जैसे ही मामले का खुलासा हुआ , पुलिस के अन्य अधिकारी भी इस पर कुछ बोलने की बजाए पीड़ित व्यक्ति को समझाने में लगे हुए थे, जिससे कि विभाग के बाहर कोई भी जानकारी ना जा सके और उचित कार्यवाही भी ना की जा सके।