पाकिस्तान में वर्षों तक प्रताड़ना झेलने वाला ‘दुनिया का सबसे अकेला हाथी’ अब खुली हवा में सांस लेने लगा है. इस हाथी का नाम कावन है. कावन हवाई मार्ग से करीब 4 हजार किलोमीटर का सफर करके कंबोडिया पहुंच गया है. अमेरिकी पॉप स्टार चेर के सालों के प्रचार और अभियान के बाद आखिरकार ‘दुनिया का सबसे अकेला हाथी’ कावन सोमवार को एक कार्गो प्लेन से कंबोडिया पहुंचा. 36 साल का ये हाथी अब अपनी प्रजाति वाले जानवरों के साथ स्थानीय अभ्यारण्य में नई जिंदगी की शुरुआत करेगा.
गर्मजोशी से हुआ कावन का स्वागत
अमेरिकी सुपरस्टार चेर ने कावन का गर्मजोशी से स्वागत किया. कावन के वहां पहुंचने के बाद चेर ने कहा, ‘मैं बहुत खुशी और गर्व महसूस कर रही हूं कि वह यहां आ गया है. वह यहां अपने साथियों के साथ वाकई में बहुत खुशी से रहेगा.’
सालों से काट रहा था अकेले की जिंदगी
सालों से पाकिस्तान में एकमात्र एशियाई हाथी कावन अकेला रह रहा था. अब वह एक ऐसे अभ्यारण्य में रहेगा, जहां 600 अन्य हाथी रहते हैं. डिप्टी एन्वायरंमेंट मिनिस्टर नेथ फिएक्ट्रा ने कहा, ‘कावन का स्वागत करने में कंबोडिया को बहुत प्रसन्नता होगी. अब वह ‘दुनिया का सबसे अकेला हाथी नहीं होगा, बल्कि उसके ढेर सारे साथी होंगे.’
श्रीलंका से लाया गया था पाकिस्तान
कावन को श्रीलंका से पाकिस्तान के चिड़ियाघर में लाया गया था। श्रीलंका ने वर्ष 1985 में पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर करने के लिए कावन हाथी गिफ्ट में दिया था। करीब 5 साल तक अकेले रहने के बाद कावन के पास वर्ष 1990 में बांग्लादेश से सहेली नाम का मादा हाथी को लाया गया था।
कावन और सहेली दोनों वर्ष 2012 तक साथ रहे। वर्ष 2012 में सहेली की मौत हो गई जिससे कारवान एक बार फिर से अकेला हो गया। इस दौरान पाकिस्तान के जू में कावन के साथ क्रूरता बढ़ती गई। उसे हमेशा जंजीरों में बांधकर रखा जाता था। वर्ष 2016 में कावन को मुक्त कराने के लिए अभियान तेज हो गया।