आईपीएल 2023 का 56वा मुकाबला कल राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाईट राइडर्स के बीच खेला गया था और इस मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स ने 9 विकेट की बड़ी जीत हासिल की है। इस मैच में उनके युवा सलामी बल्लेबाज़ यशश्वी जैसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने इतिहास रचा है और उन्होंने कल आईपीएल के इतिहास का सबसे तेज़ अर्धशतक जड़ा है। उन्होंने इस मुकाबले में मात्र 13 गेंदों में ही अपना 50 पूरा कर लिया था और के एल राहुल के 15 गेंदों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। हालाँकि उनके यहाँ तक का सफर आसान नही रहा है और उन्होंने काफी सारे परेशानियों का सामना किया है।
यशसवी जायसवाल के संघर्ष का विडियो हुआ वायरल
From here to the biggest platform in league cricket, Yashasvi Jaiswal has made his dream come true through hard work and determination. Made his parents proud. ❤️ #RRvsKKR #YashasviJaiswalpic.twitter.com/6UJMDmvZ0y
— Priyanshu (@PriyanshuVK18K) May 11, 2023
यशश्वी जैसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने अपने शुरूआती दिनों में काफी कठिनाई का सामना किया और इस मुकाम तक पहुँचने के लिए उन्होंने काफी चीजे देखी है। उनके यहाँ तक का सफ़र बिलकुल आसन नही था। वो एक गरीब घर से आते है उन्होंने अपने पापा के साथ गोलगप्पे का ठेला भी लगया है। उन्होंने अपने शुरूआती जीवन की एक कहानी सुनाई है जो अभी काफी ज्यादा शेयर करी जा रही है। इस विडियो के जरीय उन्होंने बताया की अपने शुरूआती दिन में उन्हें अचानक एक जगह से निकाल दिया गया था जिसके बाद वो काफी ज्यादा परेशान और उन्होने अपने गहर में भी नहीं बताया था।
क्रिकेटर बनने के लिए यशस्वी जायसवाल ने किया संघर्ष
यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने बताया की वो उसके बाद आजाद मैदान चले गए थे और वहां पर उन्हें इमरान सर मिले जो मुस्लिम यूनाइटेड कर के एक क्लब चलाया करते थे। उन्होंने पहले जैसवाल से एक मैच खिलवाया और बोला की अगर वो अच्छा प्रदर्शन करते है तो उन्हें रहने का शरण मिल जाएगा। उन्होंने जैसवाल को एक टेंट दिया जिसमे जायसवाल ने 3 साल बिताया था। वह के संघर्ष के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उस टेंट में काफी परेशानिया थी क्यूंकि वहा मचर काफी लगते थे।
इसी के साथ सोने में भी काफी दिक्कत होती होती थी और न ही बिजली और न ही शौचालय था। इसी के साथ उन्होंने बताया की काफी लोग उन्हें परेशान भी करते थे और मारते भी थे। वही वो रात को कुछ पैसो के लिए वो पानिपुरी का ठेला लगाते थे। उन्होंने खुद बताया की कागी ज्यादा संघर्षपूर्ण जीवन था लेकिन धीरे-धीरे उन्हें आदत हो गयी थी लेकिन वो हर समय भगवन से प्राथना करते थे की समय और बेहतर हो जाए।
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