मुंबई. वह बेहद ही खूबसूरत थी। हर कोई उसे देखता तो बस देखता ही रह जाता। उसकी आंखें गजब की खूबसूरत..जैसे मानों कोई अप्सरा स्वर्ग से उतर आई हो। देखते ही देखते ही वह फिल्म इंडस्ट्री में सभी की चहेती बन गई और हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत और बोल्ड ऐक्ट्रेसेस में शुमार हो गई। यहां हम बात कर रहे हैं परवीन बॉबी की, जिन्होंने करीब दो दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज किया और आज हमारे बीच न होने के बाद भी सभी के दिलों पर राज कर रही हैं।
परवीन बॉबी व महेश भट्ट के साथ रिलेशनशिप
आपको बता दे कि परवीन बॉबी का डायरेक्टर महेश भट्ट के साथ रिलेशनशिप थी। परवीन की खातिर महेश भट्ट अपनी बीवी बच्चों को छोड़कर लिव-इन में रहने लगे थे। 1977 में दोनों का इश्क परवान चढ़ रहा था। उस वक्त महेश भट्ट शादीशुदा थे, जबकि परवीन कबीर बेदी से ब्रेकअप के सदमे से उबर रही थीं। यहीं वो वक्त था जब परवीन फिल्म अमर अकबर एंथनी और काला पत्थर फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। दोनों की जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी।
परवीन भले ही सुपरस्टार थीं, जो महेश भट्ट से बहुत प्यार करती थी। जानकारी के मुताबिक एक रात जब परवीन बाबी से गुस्सा होकर महेश भट्ट चले गए थे, तब परवीन भी उनके पीछे दौड़ी थीं। प्यार में बेपरवाह परवीन ने ये तक नहीं देखा था कि उन्होंने कुछ पहन भी रखा है या नहीं। एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने बताया था कि परवीन की एक शर्त की वजह से वे नाराज होकर बेडरूम से बाहर चले गए थे।
महेश ने बताया था- मुझे याद है परवीन मुझसे संबंध बनाना चाहती थी। हम एक-दूसरे के करीब आए। तभी परवीन ने कुछ ऐसा कहा कि मैं हैरान रह गया। इसके बाद मैंने कपड़े पहन लिए और चुपचाप कमरे से बाहर निकल गया।
मैं बिना परवाह किए आगे बढ़ गया
महेश ने बताया था- परवीन ने मेरा नाम लेकर आवाज दी पर मैंने उसे अनसुना कर दिया। मैंने लिफ्ट का इंतजार नहीं किया और सीढ़ियों से ही नीचे उतरने लगा। मैंने सीढ़ियों से उसके दौड़ने की आवाज सुनी। मैं वापस लौटकर उससे कहना चाहता था कि देखो तुम इस हालत में (बिना कपड़ों के) बाहर नहीं आ सकतीं। लेकिन मैं बिना परवाह किए आगे बढ़ गया।
हाथ में चाकू लेकर चुप रहने का किया इशारा1979 में एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि सब कुछ बदल गया। महेश भट्ट जब घर आए तो उन्होंने देखा कि परवीन एक फिल्म का कॉस्ट्यूम पहनकर तैयार हैं और घर के एक कोने में बैठी हैं। उनके हाथ में चाकू था। परवीन ने महेश को देखकर चुप रहने का इशारा करते हुए कहा- बोलो मत। घर में कोई है और मुझे मारने की कोशिश कर रहा है।
यह पहली बार था जब महेश ने परवीन को इस हालत में देखा था। इसके बाद अक्सर परवीन को इस तरह के अटैक आने लगे और इलाज के दौरान पता चला कि उन्हें पैरानॉयड स्किजोफ्रेनिया नाम की गंभीर बीमारी है।
अमिताभ बच्चन परवीन को चाहते थे मारना
वो फिल्ममेकर जिनकी फिल्मों में परवीन काम कर रहीं थीं, चाहते थे कि परवीन इस बीमारी का इलाज करवाएं। लेकिन महेश, परवीन के साथ खड़े रहे और उन्हें बचाने की पूरी कोशिश करते रहे। इसके लिए परवीन को बिजली के झटके दिए जाते, यह टेंपररी इलाज था। इस दौरान कबीर बेदी और डैनी ने उन्हें अमेरिका में कई अस्पताल बताए जहां परवीन का इलाज करवाया जा सकता था।
परवीन की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उन्हें लगता था कि उनकी कार में बम है और उन्हें उसकी आवाज भी सुनाई देती थी। इतना ही नहीं उन्हें लगता था कि अमिताभ बच्चन, जिनके साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, उन्हें मारना चाहते हैं।
इलेक्ट्रिक शॉक थेरेपी ही एक ऑप्शन थी
लगातार परवीन की हालत बिगड़ती जा रही थी और अब इलेक्ट्रिक शॉक थेरेपी ही एक ऑप्शन बाकी था, लेकिन महेश इसके खिलाफ थे। जब परवीन के ठीक होने की कोई उम्मीद नहीं बची तो महेश भट्ट उन्हें लेकर बेंग्लुरु चले गए। उन्हें लगा कि शांत जगह पर रहने से परवीन की सेहत में सुधार आएगा। बेंगलुरु में एक फिलोसफर ने महेश को परवीन से अलग रहने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि उनकी मौजूदगी से परवीन की हालत और बिगड़ रही है।
2005 में परवीन का निधन
2005 में परवीन का निधन हो गया। परवीन ने मजबूर, दीवार, अमर अकबर एंथोनी, सुहाग, कालिया, शान, द बर्निंग ट्रेन, नमक हलाल, काला पत्थर, एक और एक ग्यारह, अशांति, अर्पण, रंग बिरंगी, देश प्रेमी, क्रांति, रजिया सुल्तान, चोर पुलिस जैसी कई फिल्मों में काम किया।