BCCI: भारतीय क्रिकेट से जुड़ी एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। 38 साल की उम्र में एक पूर्व क्रिकेटर की किस्मत ने ऐसा मोड़ लिया है, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। सालों तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके इस अनुभवी खिलाड़ी को अब बीसीसीआई ने टीम इंडिया से जुड़ी एक अहम जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है। यह फैसला न केवल उनके करियर का नया अध्याय है, बल्कि भारतीय क्रिकेट प्रशासन में भी एक नई सोच की झलक देता है।
इस खिलाड़ी की पलटी किस्मत

दरअसल, यह पूर्व खिलाड़ी और स्पिन गेंदबाज़ कोई और नहीं बल्कि प्रज्ञान ओझा हैं, जिन्हें अब भारत की पुरुष चयन समिति में शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओझा को दक्षिण क्षेत्र से चयनकर्ता नियुक्त किया जाएगा, जहां वह एस. शरथ की जगह लेंगे। ओझा ने भारत के लिए 24 टेस्ट, 18 वनडे और 6 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और अपने करियर में कई यादगार प्रदर्शन किए हैं।
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ऐसा रहा करियर
2013 में सचिन तेंदुलकर के विदाई टेस्ट में मैन ऑफ द मैच का खिताब जीतने वाले ओझा ने फरवरी 2020 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। इसके बाद वे तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन और क्रिकेट कमेंट्री में सक्रिय रहे। चयनकर्ता बनने की योग्यता के लिए बीसीसीआई द्वारा तय किए गए मापदंडों पर ओझा पूरी तरह खरे उतरते हैं। खासकर अनुभव, तकनीकी समझ और घरेलू क्रिकेट की गहरी पकड़ के मामले में।
बदल चुकी है BCCI की सोच
बीसीसीआई का यह फैसला बताता है कि अब चयन प्रक्रिया में अनुभव और ग्राउंड लेवल की समझ को अहमियत दी जा रही है। प्रज्ञान ओझा की यह नई भूमिका न केवल युवा खिलाड़ियों के भविष्य को गढ़ेगी, बल्कि खुद उनके करियर को भी एक नई ऊंचाई देगी। यह बदलाव भारतीय क्रिकेट में एक सकारात्मक सोच और संतुलित दृष्टिकोण की ओर संकेत करता है।