इस समय भारतीय टीम (Indian Team) में कप्तानी को लेकर रार छिड़ी हुई है. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अक्सर ऐसा देखने को मिलता रहता है. एक ऐसा ही वाक्या महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के साथ भी हुआ था. बता दें कि साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की टी20 का कप्तान बनाया गया था. उन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम (Indian Team) को कई ऐतिहासिक पल दिया है. लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने कप्तानी छोड़ने तक की धमकी दे डाली थी.
आरपी सिंह को टीम में करना चाहते थे शामिल
बता दें कि साल 2008 में ऐसी खबरें सामने आई कि धोनी (Dhoni) ने चयनकर्ताओं के सामने ही कप्तानी छोड़ने की धमकी दे दी थी. दरअसल उस समय यह खबरें सामने आई की महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) टीम में आरपी सिंह (RP Singh) को शामिल करना चाहते थे. लेकिन सिलेक्शन कमिटी (Selection Committee) ने उनकी जगह इरफान पठान (Irfan Pathan) को टीम में जगह देना चाहते थे. इस बात को लेकर धोनी (Dhoni) असहमत थे और उन्होंने चयनकर्ताओं के सामने ही कप्तानी छोड़ने की बात कह डाली थी.
आरपी सिंह ने दिया ये जवाब
हालांकि इस मामले को काफी समय हो गया है. लेकिन जब आरपी सिंह (RP Singh) से एक इंटरव्यू के दौरान यह सवाल किया गया तो उन्होंने इसकी पूरी सच्चाई बताई. आरपी सिंह (RP Singh) ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ऐसे कप्तान नहीं थे जो खिलाड़ियों के लेकर पक्षपात करते और अपने चहेते या फिर दोस्तों को टीम में मौका देते. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) टीम सेलेक्शन को लेकर कभी पक्षपात नहीं करते थे.
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धोनी रहे हैं सबसे सफल भारतीय कप्तान
इंटरव्यू के दौरान ही आरपी सिंह (RP Singh) ने कहा था कि जब भी टीम सेलेक्शन की बात आती थी तो महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) निष्पक्ष होकर फैसला लेते थे. वहीं, जब मीडिया में यह बात आई तो भी उनपर इसका कोई असर नहीं हुआ. आपको बता दें कि धोनी (Dhoni) ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान एक से बढ़कर एक सफलताएं हासिल की. आईसीसी की तीन अलग-अलग ट्राफियां जीतने के मामले में वह भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के इकलौते कप्तान हैं. धोनी (Dhoni) ने साल 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप, क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपनी कप्तानी में भारत के नाम किया था. वहीं, साल 2009 में धोनी (Dhoni) की कप्तानी में ही भारतीय टीम (Indian Team) पहली बार टेस्ट में नंबर वन बनी थी.