Cm ममता बनर्जी का केंद्र को अल्टीमेटम, नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो, करेंगे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को धमकी देते हुए यह कहा है कि यदि नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो देश भर में विरोध-प्रदर्शन होंगे. वहीं ममता बनर्जी  ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा.

ममता बोलीं कि वह शुरुआत से ही इन कानूनों का विरोध कर रही हैं. जिसको लेकर ममता बनर्जी ने लगातार कई ट्वीट करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

मैं किसानों की आजीविका के बारे में चिंतित हूं – ममता

Cm ममता बनर्जी का केंद्र को अल्टीमेटम, नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो, करेंगे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

ममता बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा है कि, “मैं किसानों, उनके जीवन और उनकी आजीविका के बारे में बहुत ही ज्यादा  चिंतित हूं. भारत सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेना चाहिए. अगर वह तत्काल ऐसा नहीं करते हैं, तो हम राज्य और देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हम शुरुआत से ही इन किसान विरोधी विधेयकों का विरोध कर रहे हैं.”

चार दिसंबर को होगी बैठक

Cm ममता बनर्जी का केंद्र को अल्टीमेटम, नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो, करेंगे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

इस कड़ी में ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, “हमने शुक्रवार, चार दिसंबर को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की एक बैठक बुलाई है. हम इस पर चर्चा करेंगे कि जरूरी वस्तु अधिनियम से आम लोगों पर क्या असर पड़ रहा है और इससे महंगाई कितनी अधिक बढ़ रही है. केंद्र सरकार को इस जनविरोधी कानून को वापस लेना चाहिए.”

इसी क्रम में ममता बनर्जी ने आगे कहा है कि, “भारत सरकार हर चीज बेच रही है. आप रेलवे, एयर इंडिया, कोयला, बीएसएनएल, बीएचईएल, बैंक, रक्षा इत्यादि को नहीं बेच सकते हैं. गलत नीयत से लाई गई विनिवेश और निजीकरण की नीति वापस लीजिए. हम अपने राष्ट्र के खजाने को भाजपा की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं बनने देंगे. ”

Cm ममता बनर्जी का केंद्र को अल्टीमेटम, नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो, करेंगे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

कई महीनों से चल रहा किसानों का प्रदर्शन

आपको बता दें कि कई महीनों से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. वहीं पिछले 8 दिनों से किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. वहीं इस गतिरोध को पूरी तरह से खत्म करने के लिए किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दूसरे दौर की बैठक हो रही है.

"