नई दिल्ली- पिछले काफी दिनों से वीडियो ऐप टिकटॉक विवादों में है। अब इस ऐप के सीईओ केविन मेयर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन दूसरी तरफ टिक टॉक को खरीदने की तैयारियां जोरों पर हैं। अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट पहले से टिकटॉक को खरीदने के लिए तैयार है, वहीं अब अमेरिका की ही दूसरी कंपनी वॉलमार्ट ने भी माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर इस ऐप को खरीदने का फैसला किया है। अगर टिकटॉक के भारत के बिजनेस को अगर इन कंपनियों ने खरीद लिया तो जल्द ही भारत में टिकटॉक की वापसी मुमकिन हो सकेगी।
वॉलमार्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलाया हाथ
विवादों में घिरी शार्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशन को खरीदने के लिए वॉलमार्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ हाथ मिलाया है। दोनों दिग्गज कंपनियां एक साथ मिलकर टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशंस के लिए बोली में भाग लेंगी।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘TikTok US के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ संभावित पार्टनरशिप से हमें ऑम्निचैनल कस्टमर्स तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही हम अपने थर्ड-पार्टी मार्केटप्लेस में आगे बढ़ सकेंगे और विज्ञापन बिजनेस को भी बढ़ा सकेंगे।
अमेरिका में टिकटॉक के 10 करोड़ यूजर्स
जैसे ही ये खबर आई कि वॉलमार्ट अब माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर टिकटॉक को खरीदेगा तो न्यूयॉर्क में वॉलमार्ट के शेयर करीब 3.6 फीसदी उछलकर 135.47 डॉलर तक जा पहुंचे। 7 जुलाई से अब तक ये 1 दिन में सबसे बड़ी बढ़त है। अमेरिका में टिकटॉक के 10 करोड़ यूजर्स हैं। वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बाइटडांस टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार के लिए 30 अरब डॉलर तक की राशि की मांग कर सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है, जिससे बचने के लिए इसकी मूल कंपनी बाइटडांस को 90 दिनों के भीतर अपना अमेरिकी परिचालन किसी अमेरिकी कंपनी को बेचना होगा।