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MS Dhoni: पाकिस्तान के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और बॉर्डर पर की गई कायराना हरकत के बाद पूरे देश में गुस्सा फूट पड़ा। हर कोई अपने-अपने तरीके से पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठा रहा है, लेकिन एमएस धोनी (MS Dhoni) की चुप्पी फैंस को खल रही है। साल 2011 में टेरिटोरियल आर्मी से जुड़ने वाले धोनी ने अब तक इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया। वहीं दो पूर्व क्रिकेटरों ने खुलकर पाकिस्तान पर हमला बोला, फैंस भी कहने लगे कि धोनी को देशभक्ति इन दोनों से सीखनी चाहिए।

सोशल मीडिया पर गूंजा भारत माता की जय

सोशल मीडिया पर जहां एक ओर भारत के पूर्व ओपनर सहवाग और धवन ने पाकिस्तान की हरकतों पर खुलकर हमला बोला और ‘भारत माता की जय’ का नारा बुलंद किया, वहीं एमएस धोनी (MS Dhoni) ने अब तक इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) न पाकिस्तान के इस कायराना हरकत पर न कोई ट्वीट किया, न ही कोई बयान दिया, जिससे फैंस हैरान हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या टेरिटोरियल आर्मी से जुड़े होने के बावजूद धोनी की चुप्पी जायज है?

एमएस धोनी (MS Dhoni) साल 2011 में टेरिटोरियल आर्मी से जुड़े थे और कई मौकों पर देशसेवा की मिसाल भी पेश की, लेकिन इस बार जब देश आक्रोश में है, तब उनकी चुप्पी सवालों के घेरे में है। इस मसले पर धोनी जैसे आइकन की जिम्मेदारी और भी ज्यादा है।

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कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी रहती है

Ms Dhoni

एक अन्य पूर्व बल्लेबाज़,  विरेन्द्र सहवाग ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए लिखा, कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है।” उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए यह भी कहा कि जब उनके पास चुप रहने का मौका था, तब उन्होंने युद्ध का रास्ता चुना, जिससे उनकी मंशा साफ हो गई।

सहवाग और धवन ने भारतीय सेना का खुलकर समर्थन करते हुए कहा कि हमारी सेनाएं ऐसा जवाब देंगी जिसे पाकिस्तान कभी नहीं भूलेगा। फैंस जहां धवन और सहवाग की तारीफ करते थक नहीं रहे, वहीं उन्हें एमएस धोनी (MS Dhoni) की चुप्पी का भी मलाल है।

MS Dhoni की खामोशी सवालों के घेरे में

सवाल यह नहीं है कि कौन वर्दी पहनता है, सवाल यह है कि कौन देश की आवाज़ बनता है। जब कुछ पूर्व खिलाड़ी पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं, तब देश को यह भी उम्मीद थी कि एमएस धोनी (MS Dhoni) भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी राय रखें।

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