Mumbai: रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा नजारा शायद ही कभी देखने को मिला हो, जब किसी टीम की पूरी बल्लेबाजी महज कुछ ओवरों में ढह गई हो। मुंबई (Mumbai) के खिलाफ एक मुकाबले में कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला, जहां विपक्षी टीम के सभी 10 बल्लेबाज मात्र 25 रन के भीतर ही पवेलियन लौट गए। तो आइए जानते है इस मैच के बारे में विस्तार से…..
Mumbai के समाने 25 रन पर सिमटी ये टीम

दरअसल, हम जिस रणजी टीम की बात कर रहे है, वो सौराष्ट्र की टीम है। रणजी ट्रॉफी 1951 सीजन के दौरान बंबई (अब मुंबई) और सौराष्ट्र के बीच वेस्ट जोन का एक मुकाबला खेला गया था। इस मैच में मुंबई (Mumbai) के गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि सौराष्ट्र की पूरी टीम दूसरी पारी में महज 25 रन पर ही ढेर हो गई। यह स्कोर आज भी रणजी ट्रॉफी इतिहास के सबसे शर्मनाक स्कोरों में से एक माना जाता है।
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Mumbai के गेंदबाजों का जलवा
मुंबई (Mumbai) और सौराष्ट्र के बीच खेला गया यह मुकाबला पूरी तरह मुंबई के गेंदबाजों के नाम रहा। इस मैच में सौराष्ट्र ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 119 रन बनाए। इस दौरान मुंबई की ओर से दत्तू फाड़कर ने घातक गेंदबाजी करते हुए सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके। इसके बाद दूसरी पारी में जब सौराष्ट्र फिर से बल्लेबाजी करने उतरी, तो मुंबई के गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि पूरी टीम सिर्फ 25 रन पर ही ढेर हो गई। इस बार भी दत्तू फाड़कर ने घातक स्पेल डालते हुए 6 विकेट चटकाए, जबकि रंगा सोहोनी ने 3 विकेट हासिल किए।
दत्तू फाड़कर ने इस मैच में कुल 11 विकेट लेकर विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी और मुंबई को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी गेंदबाजी ने इस मुकाबले को रणजी ट्रॉफी के इतिहास के सबसे यादगार मैचों में शामिल कर दिया।
कुछ ऐसा रहा मैच का हाल
मुंबई (Mumbai) और सौराष्ट्र के बीच वेस्ट जोन में खेले गए इस मुकाबले में सौराष्ट्र ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में 119 रन बनाए। जवाब में बंबई (अब मुंबई) की टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पहली ही पारी में 8 विकेट खोकर 467 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी सौराष्ट्र की टीम बंबई के घातक गेंदबाजी आक्रमण के सामने टिक ही नहीं पाई और महज 25 रन पर पूरी तरह ढेर हो गई।
इस पारी में सौराष्ट्र का कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सका। पांच बल्लेबाज तो बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए। बंबई के गेंदबाजों ने शुरुआत से ही विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा और विकेटों की झड़ी लगा दी। अंततः बंबई ने इस मुकाबले को इनिंग्स और 323 रन के बड़े अंतर से जीत लिया।
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