Mustard Oil Price

विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के साथ त्योहारी मांग निकलने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों, सोयाबीन सहित लगभग सभी तेल-तिलहनों में लाभ दर्ज हुआ। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह विशेषकर सोयाबीन दाने की किल्लत के कारण इस तेल के भाव रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचे। इसी तरह सरसों की मंडियों में आवक कम होने से सरसों तेल-तिलहन के भाव भी मजबूत हो गये। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सोयाबीन तेल का भाव सरसों से लगभग पांच रुपये किलो नीचे रहता था, लेकिन इस बार सोयाबीन तेल के भाव सरसों से लगभग 15 रुपये किलो अधिक चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सोयाबीन से तेल की प्राप्ति लगभग 18 प्रतिशत की होती है, जबकि सरसों से तेल प्राप्ति 40-42 प्रतिशत की होती है।

बढ़ रहा सरसों दाना का भाव

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बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 130 रुपये का लाभ दर्शाता 7,725-7,775 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 7,595-7,645 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव भी 300 रुपये बढ़कर 15,300 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी टिनों के भाव भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 55-55 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 2,500-2,550 रुपये और 2,600-2,710 ,,, रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी स्थानीय और निर्यात मांग के कारण सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 1,000 रुपये और 905 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 9,000-9,050 रुपये और 8,850-8,900 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

अभी कम है सरसों तेल का भाव

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सरसों तेल का न्‍यूनतम भाव 150 रुपये प्रति लीटर था जो अब घटकर 145 रुपये पर पहुंच गया है। इसमें पांच रुपये की राहत मिली है। इसी तरह से ब्रांडेड सरसों तेल का भाव 200 रुपये प्रतिलीटर से घटकर अब 190 रुपये पर आ गया है। इसमें 10 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है। बता दें कि सरसों तेल का भाव मई में 225 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था। इसका न्‍यूनतम भाव भी 175 रुपये तक चला गया था। कोरोना के पीक के समय तेल की कीमत की वजह से लोग परेशान हो गए थे।